सुबह-सुबह आंगन में गिरे सफेद-नारंगी फूलों की खुशबू… यही तो है हरसिंगार या पारिजात की असली खूबसूरती। अगस्त से अक्टूबर तक खिले रहने वाले यह फूल न सिर्फ घर को सजा देते हैं बल्कि इन्हें धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से भी बेहद खास माना जाता है।
लेकिन हरसिंगार का पौधा तभी खूबसूरती बिखेरता है, जब उसकी देखभाल सही ढंग से की जाए। अगर पौधे को सही धूप, समय पर पानी और पोषक खाद नहीं मिले, तो यह जल्दी सूख भी सकता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि आपका पारिजात हर मौसम में फूलों से लदा रहे, तो उसकी देखभाल पर खास ध्यान देना ज़रूरी है।
हरसिंगार की देखभाल क्यों है ज़रूरी?
पारिजात सिर्फ एक शोभायमान पौधा नहीं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक और धार्मिक महत्व वाला पौधा है। इसके फूल भगवान विष्णु और शिव को अर्पित किए जाते हैं, जबकि पत्तियां और छाल आयुर्वेदिक औषधियों में काम आती हैं। यही वजह है कि हरसिंगार को घर में स्वस्थ रखना हर किसी की इच्छा होती है।
सही धूप और तापमान
हरसिंगार के पौधे को हल्की धूप और आंशिक छाया सबसे ज्यादा पसंद होती है। बहुत तेज धूप में इसके पत्ते जल सकते हैं और ज्यादा छांव में फूल आना बंद हो जाते हैं। इसलिए पौधे को ऐसे स्थान पर रखें जहां सुबह की धूप मिले और दिन में हल्की छाया बनी रहे। पौधे के लिए 15°C से 30°C तक का तापमान सबसे उपयुक्त माना जाता है। ठंडी हवाओं और पाले से पौधे को बचाना जरूरी है।
पौधे को सही पानी और खाद देना
हरसिंगार की देखभाल में सबसे अहम है पानी देना। मिट्टी में हल्की नमी बनी रहनी चाहिए लेकिन पानी जमना नहीं चाहिए, वरना जड़ें सड़ने लगती हैं। गर्मियों में हफ्ते में 3-4 बार और सर्दियों में 1-2 बार पानी देना पर्याप्त है। हर महीने पौधे को जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या पत्तियों की खाद दें। इससे न सिर्फ फूलों की संख्या बढ़ेगी बल्कि पौधा हमेशा हरा-भरा भी रहेगा।
प्रूनिंग और देखभाल
हरसिंगार को समय-समय पर छांटते रहना बहुत जरूरी है। सूखी और कमजोर शाखाओं को काटने से नई टहनियां निकलती हैं और फूल ज्यादा आते हैं। अगर पौधे पर कीड़े लग जाएं तो नीम के तेल का स्प्रे करें। पौधे को साल में एक बार नई मिट्टी में रिपॉट करना भी जरूरी है ताकि जड़ों को ताजगी मिल सके।





