क्या आप भी अपने बच्चों को रोजाना पहनाते हैं डायपर? जानें इससे होने वाले खतरनाक नुकसान

क्या आप भी अपने बच्चों को रोजाना डायपर पहनाते हैं? भले ही यह सुविधाजनक लगता हो, लेकिन इससे बच्चे की त्वचा और सेहत पर कई खतरनाक प्रभाव पड़ सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Health: नवजात शिशु की देखभाल करना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि यह एक ऐसा समय होता है जब बच्चे ना तो बोल पाते हैं और ना ही कोई इशारा कर पाते हैं, ऐसे में नवजात शिशु की बातें सिर्फ और सिर्फ एक मां ही अच्छे से समझ सकती है। लेकिन क्या हो जब कुछ बातें मां भी ना समझ पाए।

नवजात शिशु की देखभाल करना चुनौती पूर्ण है, इसी मुश्किल को थोड़ा कम करने के लिए अक्सर मां बच्चों को डायपर पहनाती है , डायपर पहनाना जरूरी होता है, लेकिन अगर आप अपने बच्चों को रात भर डायपर पहनाकर रखते हैं, या हर दिन डायपर पहनाते हैं तो यह उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।

सुविधा बन सकती है खतरा (Newborn Baby Care)

बच्चों को रोजाना डायपर पहनाना भले ही सुविधाजनक लग सकता है लेकिन इसके लंबे समय तक इस्तेमाल करने से बच्चों की त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता, चलिए जानते हैं कि बच्चों को हर दिन डायपर पहनाने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

लंबे समय तक बच्चों को डायपर पहनाने के नुकसान?

  • एक्सपर्ट बताते हैं, कि बच्चों को 24 घंटे डायपर पहनाकर रखना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। नवजात शिशु बोल नहीं पाते हैं, लेकिन ज्यादा डायपर पहनकर रखने से उन्हें दर्द और जलन होती है। यह छोटी समस्या गंभीर समस्या में भी बदल सकती है।
  • जब पेरेंट्स बच्चों को लगातार डायपर पहनाकर रखते हैं, इससे बच्चों को स्किन इन्फेक्शन हो सकता है, बच्चों की नरम त्वचा पर रैशेज, जलन जैसी चीजें हो सकती है
  • नवजात शिशु की त्वचा बहुत ही नाजुक और संवेदनशील होती है, डायपर में सिंथेटिक फाइबर, रंग और खुशबू का इस्तेमाल किया जाता है। जिस वजह से यह बच्चों की त्वचा पर अलग-अलग प्रकार की रिएक्शन कर सकता है।
  • जब बच्चे डायपर पहनते हैं तो वह उसी में बार-बार टॉयलेट करते हैं, ऐसे में बच्चों में यूरिनरी और फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। जब डायपर के अंदर टॉयलेट लंबे समय तक रहती है, तो शरीर में बैक्टीरिया फैल सकते हैं। इस तरह के इन्फेक्शन से बच्चों की इम्युनिटी भी कमजोर हो सकती हैं।Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।

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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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