एलिवेटर में होती है घबराहट? जानिए कहीं आपको भी तो नहीं है सोनम कपूर वाला फोबिया

Health: क्या आपको भी शॉपिंग मॉल, एयरपोर्ट या किसी होटल में एलिवेटर में चढ़ते ही घबराहट महसूस होती है? ऐसा अक्सर उन लोगों के साथ होता है जिन्हें क्लॉस्ट्रोफोबिया या क्लीथ्रोफोबिया नामक फोबिया होता है। बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर भी इस डर का सामना करती हैं, जहां उन्हें बंद जगहों में फंस जाने का डर सताता है।

Bhawna Choubey
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Health: सोनम कपूर जैसी कई हस्तियों और आम लोगों को एलीवेटर फोबिया का सामना करना पड़ता है। इसे क्लास्ट्रोफोबिया का एक रूप भी कहा जा सकता है। जहां की बंद जगह में जाने से घबराहट और बैचेनी महसूस होती है। एलिवेटर या लिफ्ट का इस्तेमाल करने पर कुछ लोगों के दिल की धड़कनें बढ़ने लगती है, पसीना आने लगता है और ऐसा महसूस होता है कि जैसे वह फंस गए हो।

एलिवेटर या लिफ्ट का इस्तेमाल करने पर कुछ लोगों के दिल की धड़कनें बढ़ने लगती है, पसीना आने लगता है और ऐसा महसूस होता है कि जैसे वह फंस गए हो।

क्या होता है क्लिथ्रोफोबिया और क्लोस्ट्रोफोबिया

बॉलीवुड एक्ट्रेस सोनम कपूर को एलिवेटर से डर लगता है, जो उनकी क्लिथ्रोफोबिया और क्लोस्ट्रोफोबिया के कारण है। क्लिथ्रोफोबिया वह मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को यह महसूस होता है कि वह फंस गया है और बाहर नहीं निकल सकेगा। वही क्लोस्ट्रोफोबिया में बंद और तंग जगह में घबराहट और बेचैनी होने लगती है। सोनम जैसे कई लोग इस डर का सामना करते हैं और उनके लिए लिफ्ट या अन्य तंग जगह में जाना एक चुनौती बन जाता है। यह एक तरह का फोबिया है, जो व्यक्ति की दैनिक जीवन की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है।

क्लिथ्रोफोबिया एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति को बंद जगह में भयंकर डर लगता है। इसके कई लक्षण होते हैं। जैसे घबराहट, दिल की तेज धड़कन, पसीना आना, मतली महसूस होना, सांस लेने में कठिनाई और बंद जगह से बाहर निकलने की तीव्र इच्छा। यह फोबिया बचपन के बुरे अनुभव, किसी दुर्घटना, अन्य मानसिक विकारों या फिर जेनेटिक कारणों के कारण भी हो सकता है।

इसका इलाज करने के लिए CBT, एक्सपोजर थेरेपी और कुछ दवाओं का सहारा लिया जा सकता है। इसके साथ ही योग, एक्सरसाइज, मेडिटेशन, सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद से भी कम करने में मदद मिल सकती है।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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