Sat, Dec 27, 2025

रात को देर से सोना पड़ सकता है भारी, जानिए किस बीमारी का बढ़ सकता है खतरा

Written by:Bhawna Choubey
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रात को देर से सोना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। इससे नींद की कमी, मानसिक तनाव और कई शारीरिक बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।
रात को देर से सोना पड़ सकता है भारी, जानिए किस बीमारी का बढ़ सकता है खतरा

Health: आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में हमें कई चुनौतियों से रूबरू होना पड़ता है। जिनमें से एक है पर्याप्त नींद ना लेना। जिस तरह खाना और पानी हमारे शरीर के लिए आवश्यक है। इस तरह पर्याप्त नींद भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

लेकिन बढ़ते वर्क लोड, खराब जीवनशैली और अन्य कारणों से कई लोग रात को ठीक से सो नहीं पाते हैं। देर रात तक जागना और कम सोना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि आप भी उन लोगों में से हैं, जो पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं, तो आपको अपनी नींद की आदतों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

डायबिटीज का खतरा

देर रात तक जागना और अपर्याप्त नींद लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकता है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार देर रात तक जागना डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है। नींद की कमी हमारे शरीर के हार्मोन संतुलन को बिगाड़ सकती है और रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती है जिसे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है।

हमारा शरीर एक जैविक घड़ी के अनुसार काम करता है जो हमारी नींद के चक्र को नियंत्रित करती है। जब हम देर रात तक जागते हैं तो इस जैविक घड़ी में गड़बड़ी हो जाती है। इस गड़बड़ी के कारण हमारे शरीर में मेटाबॉलिक प्रक्रियाएं प्रभावित होती है और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

टाइप टू डायबिटीज

देर रात जागने से शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध पैदा हो सकता है। इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की कोशिका इंसुलिन के प्रभाव को कम महसूस करती हैं। जब कोशिकाएं इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाती है, तो रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यह बढ़ा हुआ रक्त शर्करा का स्तर टाइप टू डायबिटीज के विकास का प्रमुख कारण है। इसलिए नियमित रूप से पर्याप्त नींद लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

नींद की कमी से हमारे शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते तो हमारे शरीर में भूख बढ़ाने वाले हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और साथ ही भूख कम करने वाले हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। इस हार्मोनल असंतुलन के कारण हमें अधिक भूख लगती है और हम अस्वस्थ खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित होते हैं। लगातार इस तरह की खानपान की आदतें वजन बढ़ाने का कारण बन सकती हैं और साथ ही डायबिटीज का खतरा भी बढ़ा सकते हैं।