रात को देर से सोना पड़ सकता है भारी, जानिए किस बीमारी का बढ़ सकता है खतरा

रात को देर से सोना आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। इससे नींद की कमी, मानसिक तनाव और कई शारीरिक बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

भावना चौबे
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Health: आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में हमें कई चुनौतियों से रूबरू होना पड़ता है। जिनमें से एक है पर्याप्त नींद ना लेना। जिस तरह खाना और पानी हमारे शरीर के लिए आवश्यक है। इस तरह पर्याप्त नींद भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

लेकिन बढ़ते वर्क लोड, खराब जीवनशैली और अन्य कारणों से कई लोग रात को ठीक से सो नहीं पाते हैं। देर रात तक जागना और कम सोना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यदि आप भी उन लोगों में से हैं, जो पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं, तो आपको अपनी नींद की आदतों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

डायबिटीज का खतरा

देर रात तक जागना और अपर्याप्त नींद लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से हानिकारक हो सकता है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार देर रात तक जागना डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है। नींद की कमी हमारे शरीर के हार्मोन संतुलन को बिगाड़ सकती है और रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकती है जिसे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है।

हमारा शरीर एक जैविक घड़ी के अनुसार काम करता है जो हमारी नींद के चक्र को नियंत्रित करती है। जब हम देर रात तक जागते हैं तो इस जैविक घड़ी में गड़बड़ी हो जाती है। इस गड़बड़ी के कारण हमारे शरीर में मेटाबॉलिक प्रक्रियाएं प्रभावित होती है और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

टाइप टू डायबिटीज

देर रात जागने से शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध पैदा हो सकता है। इंसुलिन प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की कोशिका इंसुलिन के प्रभाव को कम महसूस करती हैं। जब कोशिकाएं इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाती है, तो रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यह बढ़ा हुआ रक्त शर्करा का स्तर टाइप टू डायबिटीज के विकास का प्रमुख कारण है। इसलिए नियमित रूप से पर्याप्त नींद लेना हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।

नींद की कमी से हमारे शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते तो हमारे शरीर में भूख बढ़ाने वाले हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है और साथ ही भूख कम करने वाले हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। इस हार्मोनल असंतुलन के कारण हमें अधिक भूख लगती है और हम अस्वस्थ खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित होते हैं। लगातार इस तरह की खानपान की आदतें वजन बढ़ाने का कारण बन सकती हैं और साथ ही डायबिटीज का खतरा भी बढ़ा सकते हैं।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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