बादाम भिगोकर क्यों खाते हैं, नींबू गुनगुने पानी में क्यों पीते हैं, जानिए सेहत से जुड़ी काम की बातें

अक्सर हमारे बड़े हमें खड़े होकर पानी पीने से रोकते हैं। आयुर्वेद में भी बैठकर पानी पीने की सलाह दी गई है। बैठकर धीरे-धीरे पानी पीने से पाचनतंत्र बेहतर कार्य करता है और पोषक तत्वों का अवशोषण सही होता है। इसी तरह नहाने से पहले सिर में तेल मालिश करना भी परंपरा का हिस्सा रहा है। इससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और शैम्पू के केमिकल्स से होने वाले नुकसान से भी सुरक्षा मिलती है। नारियल, बादाम या तिल का तेल बालों को पोषण देने के साथ-साथ मानसिक तनाव भी कम करता है।

Health Tips: हर व्यक्ति स्वस्थ रहना चाहता है। लेकिन अक्सर हम सोचते हैं कि इसके लिए बहुत बड़े बदलाव जरूरी होगा। जबकि सच्चाई यह है कि हमारी छोटी-छोटी लेकिन सही आदतें ही लंबे समय तक अच्छी सेहत बनाए रखने की असली नींव होती हैं। सही पोषण, पर्याप्त नींद, नियमित दिनचर्या और मानसिक संतुलन..ये सभी हमारे शरीर और मन को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

भारतीय जीवनशैली और पारंपरिक ज्ञान में ऐसी कई बातें हैं जो दिखने में मामूली लगती हैं..लेकिन उनके पीछे गहरे वैज्ञानिक और स्वास्थ्यवर्धक कारण छिपे हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ बातें..इनके पीछे के वैज्ञानिक कारण और इनसे जुड़े हेल्थ टिप्स।

1. भीगे हुए बादाम: स्मृति बढ़ाने वाला पोषण का खजाना

बादाम  को रातभर पानी में भिगोकर सुबह खाने की सलाह दादी-नानी के जमाने से चली आ रही है। लेकिन इसके पीछे का विज्ञान क्या है? बादाम की बाहरी छिलके में फाइटिक एसिड जैसे एंटी-न्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं जो कुछ खनिजों जैसे आयरन, जिंक और कैल्शियम) के अवशोषण को कम कर सकता है। रातभर भिगोने से ये एंजाइम इनहिबिटर्स, खासकर फाइटिक एसिड का स्तर कम होता है।भीगे हुए बादाम में विटामिन ई, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं।

2. भीगे अखरोट: दिल का रखवाला

अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो दिल की सेहत के लिए लाभकारी है। भिगाकर खाने से उसमें मौजूद टैनिन्स और फाइटिक एसिड कम हो जाते हैं जिससे शरीर आसानी से पोषक तत्वों को सोख पाता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है।

3. गुनगुने पानी में नींबू: शरीर का डिटॉक्स मास्टर

सुबह-सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में नींबू मिलाकर पीने से पाचन क्रिया सक्रिय होती है। नींबू में मौजूद विटामिन सी लिवर को साफ करने और मेटाबॉलिज़्म को तेज करने में सहायक है। ये आदत वजन घटाने, कब्ज से राहत और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है।

4. खीरे का पानी: हाइड्रेशन का स्मार्ट तरीका

खीरे को पानी में डालकर पीना आजकल काफी ट्रेंड में है। लेकिन ये सिर्फ फैशन नहीं है, इसके पीछे सेहत का विज्ञान है। खीरे में सिलिका, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन के होते हैं जो त्वचा को हाइड्रेट करते हैं और सूजन को कम करते हैं।

5. खाली पेट आंवला: प्राकृतिक अमृत

आंवले में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। इसे खाली पेट खाने से पाचन, बालों की सेहत और डायबिटीज कंट्रोल में सहायता मिलती है।

6. नंगे पांव हरी घास पर चलना : सेहत के लिए रामबाण

सुबह-सुबह नंगे पांव हरी घास पर टहलने से आंखों की रोशनी में सुधार, तनाव में कमी और मानसिक शांति मिलती है। घास पर चलने से एक्यूप्रेशर के बिंदुओं पर दबाव पड़ता है जो आंखों, मस्तिष्क और नर्व सिस्टम को सक्रिय करता है।

7. तांबे के लोटे का पानी: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

रात भर तांबे के बर्तन में रखा पानी सुबह पीने से शरीर में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। तांबा एक प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल धातु है जो पाचन क्रिया सुधारने, थायरॉइड बैलेंस करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। चिकित्सक परामर्श अपेक्षित।)


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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