भोपाल , डेस्क रिपोर्ट । गुड़हल का फूल तो आप भी पहचानते ही होंगे । सूर्ख लाल रंग का खिला-खिला फूल जिसके पराग बाहर की ओर निकले हुए रहते हैं। अपनी तरह का एकमात्र फूल जिसकी खूबसूरती दिल खुश कर देती है। रूप -रंग में ये फूल जितना सुंदर है , उतने ही गुणों से भी भरपूर होता है । खासतौर से इस फूल की बनी चाय न सिर्फ तरोताजगी देती है, बल्कि कई तरह के रोगों में भी आराम देती है। गुड़हल के फूलों के इन्हीं गुणों के चलते कई विदेशी यूनिवर्सिटीज में इस पर शोध भी जारी है । ईरान में महशद यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेस के रिसर्चर्स ने बीपी घटाने के लिए अलग अलग जड़ी -बूटियों पर शोध किया जिसमें गुड़हल भी शामिल था । नतीजे काफी सकारात्मक मिले। इसके अलावा हावर्ड हेल्थ ने भी गुड़हल पर पूरा लेख पब्लिश किया है, जिसमें उसके गुणों के बारे में बताया गया है।
यह भी पढ़े … Share market :– SBI के शुद्ध प्रॉफिट में बढ़ोतरी , बैंक ने दी जानकारी
क्यों फायदेमंद है गुड़हल?
गुड़हल की चाय में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स तो मौजूद होते ही हैं। इसके अलावा पोटेशियम, कैल्शियम और ट्रेस मिनरल्स भी मिलते हैं। इसमें मौजूद तत्वों में एलडीएल कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करने की कैपेसिटी होती है। इसके अलावा ये ट्रायग्लिसराइड्स का स्तर कम करने में भी काफी मददगार होता है। साथ ही ये बीपी पर भी कंट्रोल रखता है। जिसकी वजह से हाईपरटेंशन भी कम रहता है। इसमें एंथोकायनिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट भी होता है जो कार्डियोवस्कुलर के लिए फायदेमंद है। गुड़हल की चाय ब्लड शुगर भी काबू में रखती है। इसकी वजह से इंसुलिन का लेवल भी मेंटेन रहता है। जिसकी वजह से ये वजन घटाने में भी कारगर है। वजन घटाने के लिए कम से कम तीन महीने गुड़हल की चाय पीने की सलाह दी जाती है।
कौन न पिएं गुड़हल की चाय?
गुड़हल की चाय पर हुए शोधों में ये ताकीद भी दी गई है कि, जो लोग पहले से किसी तरह की दवाएं खा रहे हैं। जिसमें बीपी, शुगर, थायरोइड शामिल हैं या फिर हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड दवा ले रहे हैं तो उन्हें गुड़हल की चाय सोचसमझ कर ही पीनी चाहिए। बेहतर यही होगा कि सीधे चाय को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले ली जाए उसके बाद ही ये चाय पी जाए।
कैसे बनाएं गुड़हल की चाय?
अगर आप गुड़हल की चाय पीना पसंद करते हैं। इससे आपको कोई नुकसान या एलर्जी भी नहीं हुई है तो गुड़हल के कुछ फूलों को सुखा कर रख लें। सीधे तेज धूप में सुखाने की जगह फूलों को थोड़ी छांव में सुखाएं ताकि उनका रंग न उड़े । इन सूखे फूलों को स्टोर करके रखें। अब आप चाहें तो इलायची, दालचीनी, लौंग या कालीमिर्च पानी में उबाल लें। जब इनका फ्लेवर चाय में अच्छे से आ जाए , तो उबलते पानी में गुड़हल के फूलों के कुछ पत्ते भी डाल दें। एक उबाल के बाद चाय बंद कर दें। ये चाय आपको तरोताजगी और तरावट दोनों देगी।