गुड़हल का पौधा (Hibiscus Plant) न केवल घर की शोभा बढ़ाता है, बल्कि इसे धार्मिक दृष्टि से भी काफी पवित्र माना जाता है। खासकर देवी की पूजा में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके लाल-गुलाबी फूल देखने में जितने सुंदर लगते हैं, उतने ही फायदे भी पहुंचाते हैं। लेकिन कई बार पौधा बढ़ता तो है, पर उस पर फूल नहीं लगते, जिससे बागवानी का शौक रखने वालों को निराशा होती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पौधा खराब हो गया है या उसकी देखभाल में कुछ कमी रह गई है? दरअसल, पौधे को सही खाद, समय पर पानी और सूरज की रोशनी मिलना जरूरी होता है। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए और साथ में कुछ घरेलू उपाय अपनाए जाएं, तो गुड़हल का पौधा दोबारा फूलों से भर सकता है।

सरसों की खली
गुड़हल के पौधे में फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए सरसों की खली एक प्रभावी जैविक खाद है। सरसों की खली में पोटेशियम, नाइट्रोजन, प्रोटीन, मैग्नीशियम, सल्फर और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो पौधे की वृद्धि और फूलों की संख्या बढ़ाने में मदद करते हैं। सरसों की खली को पीसकर पाउडर बना लें और इसे 1 लीटर पानी में घोलकर पौधे में हर 15 दिन में डालें। यह खाद पौधे को स्वस्थ रखने के साथ-साथ फूलों की संख्या बढ़ाने में भी सहायक होती है।
गुड़हल के पौधे की देखभाल के टिप्स
- गुड़हल के पौधे की सही देखभाल से भी फूलों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
- हर 2-3 हफ्ते में पौधे की छंटाई करें। इससे नई शाखाएं निकलती हैं, जो अधिक फूल देती हैं।
- पौधे में पानी देते समय ध्यान रखें कि मिट्टी नम हो, लेकिन पानी जमा न हो। अधिक या कम पानी दोनों ही पौधे के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
- हर 6 महीने में पौधे की मिट्टी बदलें। नई मिट्टी में पोषक तत्व अधिक होते हैं, जो पौधे की वृद्धि में सहायक होते हैं।
- गुड़हल के पौधे को प्रतिदिन कम से कम 4-6 घंटे की धूप मिलनी चाहिए। पर्याप्त धूप से पौधे में फूलों की संख्या बढ़ती है।
अन्य खाद और घरेलू उपाय
- गुड़हल के पौधे में फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए अन्य खाद और घरेलू उपाय भी प्रभावी हो सकते हैं।
- गुड़हल के पौधे के लिए 7-6-5 अनुपात वाला एनपीके खाद उपयोगी होता है। यह खाद पौधे की वृद्धि और फूलों की संख्या बढ़ाने में मदद करता है।
- केले के छिलके, चाय की पत्ती और कॉफी ग्राउंड्स को मिलाकर खाद तैयार करें। यह खाद पौधे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है।
- एप्सम सॉल्ट में मैग्नीशियम और सल्फर होते हैं, जो पौधे की वृद्धि में सहायक होते हैं। इसे पानी में घोलकर पौधे में डालें।