लंबे सफर पर निकलते समय अक्सर हम अपनी जरूरतों को पीछे छोड़ देते हैं। पानी कम पीना, पेशाब रोकना (Holding Urine) और वॉशरूम से दूर भागना ये सब इतने आम हो चुके हैं कि लोग इन्हें गंभीरता से लेते ही नहीं। खासकर महिलाएं, जिन्हें साफ पब्लिक टॉयलेट की कमी के कारण लंबे समय तक यूरिन रोकना पड़ता है। पर क्या आप जानते हैं कि यही आदत धीरे-धीरे आपकी किडनी पर भारी पड़ सकती है?
ट्रैवलिंग के दौरान पेशाब रोकने की समस्या सिर्फ थोड़ी असहजता नहीं, बल्कि एक ऐसा खतरा है जो किडनी डैमेज, यूरिनरी इंफेक्शन और ब्लैडर वीकनेस तक ले जा सकता है। यह रिपोर्ट बताती है कि सफर में हमारा शरीर किस तरह लड़ता है, और हम इसे कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
ट्रैवल के दौरान पेशाब रोकना क्यों हो जाता है खतरनाक?
सफर के दौरान पेशाब रोकना एक-दो बार तो सामान्य है, लेकिन लगातार ऐसा करना ब्लैडर और किडनी, दोनों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डालता है। पेशाब रोकने पर ब्लैडर अपनी क्षमता से ज्यादा फूलने लगता है। बार-बार ऐसा होने पर ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और यूरिन पूरी तरह खाली नहीं हो पाता।
जब यूरिन लंबे समय तक ब्लैडर में जमा रहता है, तो उसमें मौजूद बैक्टीरिया तेजी से बढ़ते हैं और संक्रमण की शुरुआत हो जाती है। यह इंफेक्शन धीरे-धीरे यूरेटर तक पहुंच सकता है और फिर किडनी को नुकसान पहुंचाता है। डॉक्टर बताते हैं कि ट्रैवल के दौरान यूरिन रोकना किडनी स्टोन, UTI और ब्लैडर डिसफंक्शन जैसी समस्याओं का सबसे आम कारण है।
महिलाओं के लिए यह समस्या और ज्यादा खतरनाक क्यों?
भारत में ट्रैवल के दौरान महिलाओं को साफ टॉयलेट मिलना लगभग एक संघर्ष बन चुका है। इसी वजह से वे यूरिन रोकने के लिए मजबूर होती हैं। महिलाओं की यूरेथ्रा छोटी होती है, जिसके कारण बैक्टीरिया तेजी से ब्लैडर में पहुंच जाते हैं। लंबे समय तक यूरिन रोकने से ब्लैडर में नमी और गर्माहट बनी रहती है, और यही बैक्टीरिया के बढ़ने का सबसे अनुकूल माहौल है। इसी कारण महिलाओं में UTI, बार-बार पेशाब लगना, बैक पेन, और पेल्विक इन्फेक्शन जैसी समस्याएं ज्यादा देखने को मिलती हैं।
पानी कम पीना किडनी को और ज्यादा नुकसान पहुंचाता है सफर के दौरान लोग सोचते हैं कि कम पानी पिएंगे तो पेशाब भी कम लगेगा। लेकिन यही सोच किडनी पर सबसे बड़ा दबाव डालती है। पानी कम होगा, तो किडनी को यूरिन बनाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, यूरिन गाढ़ा होता है और किडनी स्टोन बनने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि लंबे ट्रैवल में शरीर का हाइड्रेशन बरकरार रखना ही किडनी को बचाने का सबसे आसान तरीका है। यहां काम आता है स्मार्ट हाइड्रेशन रूल एक बार में ज्यादा पानी न पीकर, थोड़ी-थोड़ी मात्रा में घूंट-घूंट पानी पिएं, इससे दो फायदे होते हैं आपको बार-बार पेशाब नहीं लगेगा। शरीर भी डिहाइड्रेशन से सुरक्षित रहेगा।
चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक ट्रेवल में क्यों हैं नुकसानदायक?
ट्रैवल में लोग सबसे अधिक गलती करते हैं सुबह खाली पेट चाय पीकर निकलना या बीच रास्ते में कॉफी, कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक लेना। ये सभी ड्रिंक्स डाययूरेटिक होते हैं। यानी शरीर से पानी निकालते हैं और यूरिन को बढ़ाते हैं। किडनी पर प्रेशर बढ़ता है, और यदि पानी कम पिया गया है, तो शरीर तेजी से डिहाइड्रेट होने लगता है। एल्कोहल की बात करें तो ये किडनी का दुश्मन ही माना जाता है। सफर में शराब पीकर लंबे समय तक पेशाब रोकना किडनी इंफेक्शन का रास्ता खोल देता है।
प्रोसेस्ड स्नैक्स और चिप्स क्यों बढ़ाते हैं यूरिन की दिक्कत?
ट्रैवल में आसानी से उपलब्ध होने के कारण लोग चिप्स, नमकीन, प्रोसेस्ड फूड, पैक्ड स्नैक्स खा लेते हैं। लेकिन ये सब नमक से भरे होते हैं। सोडियम ज्यादा होगा तो शरीर में वाटर-रिटेंशन बढ़ेगा। इससे प्यास भी अधिक लगेगी और ब्लैडर पर दबाव भी बढ़ेगा। ऊपर से यदि पानी नहीं पिएंगे, तो किडनी को यह अतिरिक्त सोडियम फिल्टर करने में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
लंबे समय तक पेशाब रोकने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
जब भी हम घंटों तक पेशाब रोकते हैं, ब्लैडर में जमा यूरिन सिर्फ एक असहजता नहीं पैदा करता, बल्कि हमारे शरीर के तंत्र पर लगातार दबाव बनाता है। ब्लैडर जितना अधिक फैलता है, उतनी ज्यादा उसकी मांसपेशियां कमजोर होती जाती हैं। यही कमजोरी आगे चलकर ओवरएक्टिव ब्लैडर और यूरिन लीकेज जैसी समस्याएं पैदा करती है।
इसके अलावा यूरिन में मौजूद अमोनिया और बैक्टीरिया यदि समय पर बाहर न निकले, तो वे संक्रमण फैलाना शुरू कर देते हैं। यह संक्रमण ब्लैडर से ऊपर चढ़कर किडनी तक पहुंच सकता है। कई बार देखा गया है कि ऐसे इंफेक्शन समय रहते इलाज न होने पर किडनी फेलियर के शुरुआती चरण तक पहुंच जाते हैं।
ब्लैडर पर दबाव बढ़ने से पेट में दर्द, कमर में खिंचाव और बार-बार यूरिन लगने की समस्या भी पैदा होती है। मतलब, एक साधारण-सी लगने वाली आदत धीरे-धीरे पूरी यूरिनरी सिस्टम को प्रभावित कर सकती है।
ट्रैवल के दौरान अपने आप को कैसे बचाएं?
लंबा सफर हो तो तैयारी भी लंबी होनी चाहिए। अपने साथ टॉयलेट सीट स्प्रे या डिस्पोजेबल सीट कवर रखना बेहद उपयोगी होता है। इससे आप किसी भी पब्लिक वॉशरूम का सुरक्षित इस्तेमाल कर सकते हैं और यूरिन रोकने की जरूरत ही नहीं रहती। सफर से पहले बहुत अधिक कैफीन या चाय पीने से बचें। ऐसा करने से थोड़ी ही देर में यूरिन प्रेशर बढ़ जाता है। यात्रा शुरू करने से पहले हल्का, कम नमक वाला खाना खाएं ताकि ब्लैडर पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?
किडनी की सेहत सिर्फ पानी या यूरिन रोकने से ही नहीं जुड़ी, बल्कि पूरे जीवनशैली से जुड़ी है। आप जितना साफ पानी पिएंगे, किडनी उतनी आसानी से खून फिल्टर करेगी। तनाव कम रखें, अत्यधिक नमक से बचें और अगर यात्रा लंबी हो, तो बीच-बीच में थोड़ा चलना-फिरना न भूलें। किडनी को नुकसान चुपचाप होता है, बिना किसी स्पष्ट संकेत के। इसलिए छोटी-छोटी एहतियात आपको बड़े खतरे से बचा सकती हैं।





