होलिका दहन : बुराई का अंत नई शुरुआत का प्रतीक, जानें आज दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

होलिका दहन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन को लेकर गहरा प्रतीक है। यह त्योहार यह सिखाता है कि समय-समय पर हमें अपनी नकारात्मकता, अहंकार और बुरी आदतों को आग में समर्पित कर देना चाहिए ताकि हम अपने भीतर नई ऊर्जा, शुचिता और सकारात्मकता को स्थान दे सकें। यह पर्व हमें यह प्रेरणा देता है कि अच्छाई और सत्य का मार्ग कठिन जरूर हो सकता है लेकिन अंततः वही विजय प्राप्त करता है, जैसे भक्त प्रह्लाद की सच्ची भक्ति ने अधर्म पर विजय पाई थी।

Shruty Kushwaha
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Holika Dahan : आज होलिका दहन है। ये पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। आज का दिन आत्मशुद्धि, नकारात्मकता के अंत और नए उत्साह की शुरुआत का संदेश देता है। अगर हम इस त्यौहार का निहितार्थ समझें तो ये दिन अग्नि में पुरानी बुरी आदतों, नकारात्मक विचारों और अज्ञान को जलाने का संदेश देता है।

होलिका दहन हमें ये भी सिखाता है कि अहंकार, अन्याय और अधर्म का अंत निश्चित होता है, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न लगे। धार्मिक मान्यतानुसार भक्त प्रह्लाद और होलिका की कथा इसका प्रमुख उदाहरण है, जहां भगवान विष्णु भक्ति ने अधर्म को पराजित कर संसार को धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।

होलिका दहन का मुहूर्त

होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त आज रात 11:26 बजे से 12:30 बजे तक है। पूर्णिमा तिथि 13 मार्च की सुबह 10:35 बजे से 14 मार्च की दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी।  भद्रा काल 13 मार्च की सुबह 10:35 बजे से रात 11:26 बजे तक रहेगा, इसलिए होलिका दहन भद्रा समाप्ति के बाद रात 11:26 बजे से किया जाना शुभ माना गया है।

होलिका दहन पर पूजा विधि

सबसे पहले होलिका दहन के लिए स्थान का चयन करें। चुने गए स्थान को साफ करें और गाय के गोबर से लीपकर चौक बनाएं। अब होलिका सजाएं..इसके लिए एक लकड़ी के दंड के चारों ओर गोबर से बनी होलिका की प्रतिमा स्थापित करें और उसे रंग-बिरंगे कपड़ों, फूलों और अन्य सजावटी सामग्री से सजाएं। रोली, अक्षत, फूल, माला, नारियल, गुड़, बताशे, नई फसल के अनाज (जैसे गेहूं की बालियां) और जल का प्रबंध करें। होलिका के समीप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। रोली और अक्षत से होलिका का तिलक करें। श्रद्धापूर्वक फूल और माला अर्पित करें। नारियल को होलिका के समीप रखें। गुड़, बताशे और नई फसल के अनाज होलिका में अर्पित करें। होलिका दहन के समय पर अग्नि प्रज्वलित करें और परिक्रमा करते हुए होली गीत गाएं एवं मंगलकामना करें। होलिका दहन पर पूजा करने के साथ ही संकल्प में कि अपने जीवन में सत्य और धर्म की राह पर चलेंगे और नकारात्मकता से दूर रहेंगे। इस प्रकार इस त्योहार को सही अर्थ में जीवन में उतारकर आप अपने साथ अपनों का जीवन भी सुखमय बना सकते हैं।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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