अब घर पर बनाएं इमली की चटपटी कैंडी, बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को आएगी पसंद

इमली कैंडी रेसिपी अब घर पर भी आसानी से बनाई जा सकती है। वो भी बिना ज्यादा मेहनत के और पूरी तरह हेल्दी तरीके से। जानिए कैसे बनाएं इमली की वो देसी कैंडी, जो बच्चों के टिफिन से लेकर बड़ों की मीठी-खट्टी क्रेविंग का परफेक्ट इलाज बन सकती है।

बचपन में स्कूल के बाहर मिलती खट्टी-मीठी इमली की कैंडी (Imli Candy) आज भी जुबां पर उसी स्वाद के साथ याद आती है। लेकिन अब वही कैंडी बाजार में प्रिज़रवेटिव्स और नकली रंग-फ्लेवर के साथ मिलती है, जो स्वाद तो देती है लेकिन सेहत पर भारी पड़ सकती है।

ऐसे में अगर वही देसी स्वाद आप अपने ही किचन में तैयार कर लें, वो भी बिना केमिकल और बिलकुल घर की शुद्धता के साथ, तो बात ही कुछ और होती है। इमली की ये घरेलू कैंडी न सिर्फ बच्चों की फेवरेट बन सकती है, बल्कि बड़ों के लिए भी ये एक हेल्दी स्नैक ऑप्शन है।

इमली की कैंडी कैसे बनाएं घर पर

इमली कैंडी बनाने के लिए आपको चाहिए सिर्फ कुछ बेसिक चीजें, इमली का गूदा, गुड़, काला नमक, भुना जीरा और स्वादानुसार मिर्च पाउडर। सबसे पहले इमली को थोड़े पानी में भिगोकर उसका गूदा निकाल लें। फिर गुड़ को पानी में पिघलाकर उसमें गूदा मिलाएं। धीमी आंच पर पकाएं जब तक थोड़ा गाढ़ा न हो जाए। फिर उसमें नमक, जीरा और मिर्च डालकर अच्छी तरह मिक्स करें। ठंडा होने पर छोटी-छोटी गोलियां बना लें और धूप में सूखा लें। बस बन गई आपकी देसी इमली कैंडी।

इमली कैंडी खाने के फायदे भी कम नहीं

इमली में प्राकृतिक रूप से विटामिन C, फाइबर और आयरन मौजूद होता है। इसे खाने से पाचन बेहतर होता है, भूख बढ़ती है और मुंह का स्वाद भी बदलता है। खासकर बच्चों को जंक फूड से हटाकर अगर ऐसी देसी कैंडी दी जाए तो वो हेल्दी भी रहेगा और खुश भी। साथ ही, ये कैंडी गर्मी में पेट को ठंडा रखने में भी मदद करती है।

हर जगह हिट है इमली कैंडी

आज के समय में जब बच्चों को चॉकलेट, जेली और कैंडीज़ की आदत लगती जा रही है, ऐसे में इमली की ये देसी कैंडी एक हेल्दी ऑप्शन है। आप इसे टिफिन में रख सकते हैं, पार्टी फेवर के तौर पर बांट सकते हैं या शाम की चाय के साथ खा सकते हैं। और बड़ों के लिए तो ये बचपन की यादों को ताजा करने वाली ट्रीट है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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