गमले में लगाना चाहते हैं आक का पौधा, अपनाएं ये स्मार्ट स्टेप्स

Aak Plant: गमले में आक का पौधा लगाना चाहते हैं? अपनाएं ये स्मार्ट स्टेप्स और देखें कैसे आपका पौधा तेजी से बढ़ेगा! सही तरीके से रोपण से मिलेगा स्वस्थ और खूबसूरत पौधा।

भावना चौबे
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Aak Plant

Aak Plant: आक एक सुंदर और औषधीय गुणों से भरपूर पौधा है। यह पौधा भारत में कई जगहों पर पाया जाता है। यह पौधा खासतौर पर अपनी विशाल पत्तियों, सुंदर फूलों और दूधिया रस के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इस पौधे का धार्मिक महत्व भी बहुत है। इस पौधे से निकलने वाले दूधिया रस को कई औषधीय गुणों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

अगर आप भी इस पौधे को अपने घर में लगाना चाहते हैं, और आप ऐसा सोचते हैं कि शायद इस पौधे को गमले में लगाना मुश्किल होता है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है आप बेहद ही आसान तरीकों से इसे अपने घर के गमले में लगा सकते हैं। आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि कैसे आप आसानी से आक के पौधे को घर में लगा सकते हैं तो चलिए जानते हैं।

 कैसे लगाएं आक का पौधा (How to grow Aak Plant)

मध्यम आकार का गमला लें

आक का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले एक मध्यम आकार का गमला लें। गमले का आकार पौधे के आकार के अनुसार होना चाहिए ना ज्यादा बड़ा होना चाहिए ना ही ज्यादा छोटा होना चाहिए। क्योंकि अगर छोटा गमला लेंगे तो पौधे की जड़ों के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाएगी और वहीं अगर बड़ा गमला लेंगे तो वह अतिरिक्त मिट्टी को बनाए रखेगा, जिससे पानी जमा हो सकता है और ऐसे में पौधे की जड़े सड़ सकती है इसलिए मध्यम आकार का गमला चुनना ही सबसे अच्छा माना जाएगा।

मिट्टी और गोबर की खाद का मिश्रण तैयार करें

इसके बाद आक के पौधे के लिए मिट्टी और गोबर की खाद का मिश्रण तैयार करें। एक मध्यम आकार के गमले में बराबर मात्रा में उपजाऊ मिट्टी और अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद को मिला लें। यह मिश्रण पौधे को पोषण प्रदान करेगा और इसकी वृद्धि को बढ़ावा देगा। गोबर की खाद में मौजूद पोषक तत्व पौधे की जड़ों को मजबूत बनाने में मदद करेंगे और पौधे को स्वस्थ रखेंगे। इस बात का ध्यान रखें कि गोबर की खाद अच्छी तरह से सड़ी हुई होनी चाहिए ताकि पौधे को कोई नुकसान न पहुंचे।

जल निकासी छेद करें

गमले में जल निकासी के छेद पर एक पत्थर रखकर ये मिट्टी भर दें। यह एक सबसे जरूरी कदम है ताकि गमले में पानी जमा ना हो। जब आप गमले के निचले हिस्से में एक पत्थर रखते हैं तो यह मिट्टी को छेद को पूरी तरह से बंद करने से रोकता है। ऐसा करने से अतिरिक्त पानी आसानी से बाहर निकल जाता है और पौधे की जड़ें सड़ने से बच जाती है। पत्थर के ऊपर मिट्टी भरने से पहले यह जांच कर लें की मिट्टी का मिश्रण अच्छी तरह से मिला हुआ है या नहीं।

इस तरह रोपें पौधा

इसके बाद गमले के बीच में आक के एक छोटे पौधें को रोप दें। पौधे को गमले के केंद्र में रखें और उसके चारों ओर से मिट्टी को हल्के हाथों से दबाएं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पौधा सीधा खड़ा रहे और मिट्टी से अच्छी तरह से जुड़ जाए। इस बात का ध्यान रखें कि पौधे की जड़ें मिट्टी के अंदर पूरी तरह से दब जाएं। इसके बाद पौधे में हल्का-हल्का पानी दें, इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा मात्रा में पानी न दें, इससे मिट्टी गीली हो सकती है।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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