गर्मी या बारिश हो, गुड़हल का पौधा (Hibiscus Plant) हर मौसम में अपनी लाल, पीली और गुलाबी छटा से बगीचे की रौनक बढ़ाता है। लेकिन अगर आपका गुड़हल का पौधा सिर्फ पत्तियां दे रहा है और फूल नहीं आ रहे, तो ये खबर आपके लिए ही है।
ऐसा माना जाता है की, अगर मिट्टी में सिर्फ एक किचन की चीज़ मिला दी जाए, तो गुड़हल में बड़े-बड़े फूल खिलने लगते हैं और ये चीज़ है, आलू। जी हां, घर की रसोई में मिलने वाली ये आम सब्जी आपके पौधे के लिए चमत्कार साबित हो सकती है।
मिट्टी में मिलाएं कच्चा आलू
एक या दो कच्चे आलू को मसलकर गुड़हल के पौधे की मिट्टी में मिला देने से उसकी जड़ें ताकतवर बनती हैं। आलू में स्टार्च और जरूरी न्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो मिट्टी को उर्वरक की तरह काम करने में मदद करते हैं।
इस प्रक्रिया से पौधा ज्यादा पोषण ले पाता है, जिससे उसमें फूलों की संख्या तेजी से बढ़ती है। खास बात ये है कि इसमें कोई महंगे फर्टिलाइज़र की जरूरत नहीं होती, बस किचन से लिया गया आलू ही काफी है।
कब और कैसे डालें आलू?
गुड़हल के पौधे में आलू डालने का सबसे अच्छा समय होता है बारिश की शुरुआत या सर्दी के पहले। पौधे के तने के पास एक हल्का गड्ढा करें और उसमें मसला हुआ आलू डालकर ऊपर से मिट्टी से ढक दें। हर 15 दिनों में ये प्रक्रिया दोहराएं।
इससे जड़ें सक्रिय रहती हैं और पौधा नए फूलों को लगातार बनाता है। आलू सड़कर खाद का काम करता है, जिससे मिट्टी की नमी बनी रहती है और फूलों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
ये 3 और चीज़ें भी बढ़ाएंगी फूल
सिर्फ आलू डालना ही काफी नहीं, पौधे को सही देखभाल भी चाहिए। गुड़हल के पौधे को रोजाना अच्छी धूप मिलनी चाहिए और पानी की मात्रा संतुलित होनी चाहिए। सप्ताह में एक बार हल्की कटाई (प्रूनिंग) करने से भी नई शाखाएं निकलती हैं, जिससे फूल और ज्यादा लगते हैं।
अगर पौधे की पत्तियां पीली हो रही हैं या फूल छोटे आ रहे हैं, तो आलू के साथ-साथ केले के छिलके, नीम की खली और गोबर खाद भी अच्छे विकल्प हैं। ये सभी प्राकृतिक तरीके आपके पौधे को स्वस्थ और फूलों से भरपूर बनाएंगे।





