सर्दियां आते ही गार्डन में खिलते गुलाब (Rose) और गेंदा (Marigold) के फूल किसी भी घर की खूबसूरती बढ़ा देते हैं। लेकिन कई बार आप जितनी मेहनत कर लें, पौधे पर न तो कलियां आती हैं और न ही फूल खिलते हैं। हफ्तों की देखभाल के बाद भी अगर पौधे मुरझाए दिखें, तो मन उदास हो जाता है।
ऐसे में ज़रूरत है यह समझने की कि फूलों के न आने की वजह देखभाल नहीं, बल्कि पोषण की कमी हो सकती है। पौधों को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की ज़रूरत होती है, जो कलियों के विकास और फूलों के आकार को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। आज हम आपको एक ऐसा आसान और प्राकृतिक तरीका बताने जा रहे हैं, जिससे दिसंबर तक आपका पूरा गार्डन फूलों से लबालब हो जाएगा।
क्यों नहीं आ रहे गुलाब और गेंदा में फूल? जानिए असली वजह
कई माली मानते हैं कि अगर पौधों को धूप, पानी और समय पर खाद मिल जाए, तो वे खुद ही फूलने लगते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि मिट्टी में फॉस्फोरस की कमी होने पर कलियां बनना रुक जाता है। पोटाश की कमी फूलों का आकार छोटा कर देती है। बहुत ज़्यादा नाइट्रोजन देने से पौधे की पत्तियां तो घनी होती हैं, लेकिन फूल कम आते हैं। इसके अलावा, लगातार पानी भरने, धूप की कमी या बहुत ठंडी हवाओं से भी पौधे कमजोर हो जाते हैं। लेकिन राहत की बात यह है कि इन सबका हल आपकी रसोई में ही छिपा है सरसों की खली और केले के छिलके का पाउडर।
सरसों की खली: सर्दियों के फूलों के लिए सबसे असरदार खाद
सरसों की खली (Mustard Cake) एक बेहद असरदार ऑर्गेनिक खाद है जो पौधों में फूलों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखती है। इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, कैल्शियम और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होते हैं, जो पौधों को अंदर से मज़बूत बनाते हैं। ऐसे बनाएं सरसों की खली का लिक्विड फर्टिलाइज़र 100 ग्राम सरसों की खली लें। इसे 1 लीटर पानी में 4–5 दिनों के लिए भिगोकर रखें। रोज़ाना इस घोल को अच्छी तरह हिलाएं ताकि खली का फर्मेंटेशन हो सके। जब घोल से हल्की बदबू आने लगे, तो समझिए यह तैयार है। अब इस घोल को 10 गुना सादे पानी में मिलाएं। इस मिश्रण को हर 15 दिन में एक बार पौधे की मिट्टी में डालें।
केले के छिलके का पाउडर
- पके केले के छिलकों को धूप में दो से तीन दिन तक सुखाएं।
- जब छिलके पूरी तरह सूख जाएं, तो उन्हें मिक्सर में बारीक पीस लें।
- अब यह पाउडर तैयार है, जिसे आप किसी एयरटाइट डिब्बे में रख सकते हैं।
इस्तेमाल करने का तरीका
- पौधे की मिट्टी की हल्की गुड़ाई करें।
- एक छोटा चम्मच केले के छिलके का पाउडर चारों तरफ डालें।
- इसके बाद थोड़ा पानी डालें ताकि पोषक तत्व जड़ों तक पहुंच सकें।
- इसे हर महीने एक बार दोहराएं।
- यह पाउडर पौधों की मिट्टी में पोटैशियम की मात्रा बढ़ाता है, जिससे कलियों की संख्या बढ़ने लगती है और फूलों का आकार बड़ा होता है।
दोनों खादों का एक साथ उपयोग कैसे करें?
अगर आप चाहते हैं कि आपके गुलाब और गेंदा के पौधे दिसंबर तक कलियों से भर जाएं, तो सरसों की खली और केले के छिलके का पाउडर एक साथ लेकिन अलग-अलग समय पर इस्तेमाल करें। हर 15 दिन में एक बार सरसों की खली का लिक्विड फर्टिलाइज़र डालें। महीने में एक बार केले के छिलके का पाउडर मिलाएं। पौधे की जड़ में सीधा न डालें, तने से थोड़ा दूर डालें। खाद देने के बाद पानी ज़रूर डालें ताकि पोषक तत्व जड़ों तक आसानी से पहुंच जाएं। इन दोनों खादों के नियमित इस्तेमाल से आपके पौधे न केवल हरे-भरे दिखेंगे, बल्कि दिसंबर तक फूलों की बहार से पूरा गार्डन महक उठेगा।
घरेलू खाद क्यों बेहतर है
केमिकल फर्टिलाइज़र पौधों को तुरंत नतीजे तो देते हैं, लेकिन लंबे समय में मिट्टी को कमजोर कर देते हैं। वहीं ऑर्गेनिक खाद (जैसे सरसों की खली और केले के छिलके का पाउडर) मिट्टी की नमी बनाए रखते हैं, मिट्टी में माइक्रोब्स को सक्रिय करते हैं, पौधों की जड़ों को मज़बूत बनाते हैं, और फूलों का रंग, आकार व संख्या बढ़ाते हैं। यानी अगर आप चाहते हैं कि आपका गार्डन सस्टेनेबल और नैचुरल तरीके से खिले, तो इन घरेलू खादों से बेहतर कुछ नहीं।
दिसंबर में खिलेगा गार्डन
अगर आप अभी नवंबर के पहले हफ्ते में यह उपाय शुरू करते हैं, तो दिसंबर के मध्य तक आपके गुलाब, गेंदा, डेज़ी, गुड़हल, और पिटूनिया जैसे पौधों में भरपूर कलियां दिखने लगेंगी। पौधों के पत्ते भी चमकदार और गहरे हरे रंग के होंगे। यह नुस्खा न सिर्फ गार्डन को सजाएगा, बल्कि आपको यह एहसास भी देगा कि अपने हाथों से उगाए फूलों की खुशबू सबसे अलग होती है।





