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Sat, Dec 20, 2025

हर वक़्त सोचते रहते हैं? ओवरथिंकिंग से छुटकारा दिलाएगी प्रेमानंद जी महाराज की ये सीख

Written by:Bhawna Choubey
Published:
Premanand Maharaj: अगर आप बार-बार सोचते रहते हैं, हर छोटी बात में उलझ जाते हैं और दिमाग को शांत नहीं कर पाते, तो प्रेमानंद जी महाराज की ये सीख आपके लिए है। जानिए कैसे ओवरथिंकिंग से राहत पाएं और जीवन में सुकून और स्थिरता को अपनाएं।
हर वक़्त सोचते रहते हैं? ओवरथिंकिंग से छुटकारा दिलाएगी प्रेमानंद जी महाराज की ये सीख

क्या आप छोटी-छोटी बातों पर ज़रूरत से ज़्यादा सोचते हैं? रातों की नींद हराम हो जाती है, बार-बार एक ही बात को दोहराते रहते हैं? अगर हां, तो आप ओवरथिंकिंग का शिकार हैं, जो धीरे-धीरे मानसिक तनाव और बेचैनी को बढ़ा देता है।

ऐसे समय में आध्यात्मिक मार्गदर्शन बेहद फायदेमंद हो सकता है। प्रेमानंद जी महाराज की एक सलाह आज लाखों लोगों को राहत दे रही है। उनकी कही गई बातों में सिर्फ ज्ञान नहीं, जीवन को समझने का नजरिया भी छुपा है। चलिए जानते हैं उनकी वो महत्वपूर्ण सलाह जो ओवरथिंकिंग को जड़ से खत्म करने में मददगार हो सकती है।

क्या कहती है प्रेमानंद जी महाराज की सीख?

जो बीत गया, उसे दोहराना व्यर्थ है

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि जो हो चुका है, वो अब सिर्फ याद है। उसे बार-बार सोचकर आप केवल अपना वर्तमान खोते हैं। अतीत में अटकने से वर्तमान की शांति छिन जाती है और भविष्य की चिंता बढ़ जाती है। ओवरथिंकिंग का पहला इलाज है – बीते को स्वीकारना और छोड़ देना।

हर बात पर गहराई से सोचना समाधान नहीं है

बहुत से लोग सोचते हैं कि हर चीज़ को गहराई से सोचने से समाधान मिल जाएगा, लेकिन सच यह है कि अधिक सोच मन को और उलझा देता है। महाराज कहते हैं कि जीवन को हल्का रखें, हर बात में खुद को दोषी या ज़िम्मेदार मानना छोड़ें। मन जितना शांत होगा, समाधान उतना ही साफ दिखेगा।

दूसरों की सोच की फिक्र छोड़ें

ओवरथिंकिंग का बड़ा कारण होता है, “लोग क्या कहेंगे?” प्रेमानंद जी स्पष्ट करते हैं कि जब तक आप अपनी सोच को लोगों की राय से जोड़ते रहेंगे, तब तक आप आज़ाद नहीं हो सकते। खुद से प्रेम करें, खुद को स्वीकारें और दूसरों की अपेक्षाओं को खुद पर हावी न होने दें।