अक्सर लोग गुड़हल का पौधा (Hibiscus Plant) नर्सरी से लाकर लगाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे आप अपने घर में भी बड़े आराम से लगा सकते हैं। बस थोड़ा ध्यान और सही खाद पानी देने की ज़रूरत होती है। आज हम आपको बताएंगे कि गुड़हल के पौधे में कौन सी काली खाद डालनी चाहिए जिससे वो ख़ूब फूल दे सके और आपका गार्डन हर किसी की नज़र में आ जाए।
गुड़हल का पौधा अधिकतर घरों में लगाया जाता है क्योंकि इसके सुंदर और रंग-बिरंगे फूल हर किसी का ध्यान खींचते हैं। लेकिन कई बार पौधे में फूल कम आते हैं या उसकी ग्रोथ रुक जाती है। ऐसे में अगर आप 15 दिन पर एक घरेलू जैविक काली खाद डालेंगे, तो पौधे में फिर से जान आ जाएगी। यह खाद न केवल फूलों की संख्या बढ़ाएगी, बल्कि पत्तियां भी चमकदार और हरी रहेंगी।

गुड़हल में फूल बढ़ाने के लिए क्यों ज़रूरी है काली खाद?
गुड़हल के पौधे को अच्छे फूल और पत्ते देने के लिए समय-समय पर सही पोषण देना ज़रूरी है। अकसर लोग महंगे केमिकल फर्टिलाइज़र इस्तेमाल करते हैं, जिससे पौधे की जड़ों को नुकसान होता है। वहीं, घरेलू काली खाद यानी वर्मी कम्पोस्ट या गोबर खाद, मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर बनाकर पौधे को धीरे-धीरे पोषण देती है। इससे फूलों का रंग गहरा, आकार बड़ा और संख्या ज्यादा होती है।
इस खाद को 15 दिन पर पौधे की जड़ों के पास डालना चाहिए। ऐसा करने से मिट्टी में जैविक तत्व सक्रिय होते हैं और पौधा नई कोपलों के साथ ज्यादा फूल देता है। साथ ही, ये खाद पौधे को सर्दी-गर्मी के मौसम में भी मजबूत बनाए रखती है।
कैसे बनाएं और इस्तेमाल करें काली खाद?
घर पर वर्मी कम्पोस्ट या काली खाद बनाना बेहद आसान है। इसके लिए आप गोबर, सूखे पत्ते, किचन वेस्ट (छिलके, बचा हुआ फल-सब्ज़ी) और मिट्टी को मिलाकर एक गड्ढे या ड्रम में रख दें। इस पर थोड़ा पानी डालें और ढक कर छोड़ दें। 15-20 दिन में खाद तैयार हो जाएगी।
इसे पौधे की जड़ के चारों ओर डालें और ऊपर से हल्की मिट्टी से ढक दें। ध्यान रखें, खाद को पौधे के तने से थोड़ी दूरी पर डालें। हर 15 दिन पर यह प्रक्रिया दोहराएं। इसके अलावा, गुनगुना पानी और सुबह की धूप भी पौधे को सेहतमंद बनाते हैं। अगर पौधे में कीड़े लगें तो नीम का पानी या जैविक कीटनाशक भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
गुड़हल के फूल लंबे समय तक खिले रहने के टिप्स
सिर्फ खाद ही नहीं, सही देखभाल भी फूलों की खूबसूरती बढ़ाती है। गुड़हल के पौधे को ऐसी जगह रखें जहां कम से कम 4-5 घंटे धूप मिले। हफ्ते में 2 बार पानी दें, लेकिन ध्यान रखें कि पानी ज़्यादा न भर जाए। मुरझाए हुए फूल और सूखी पत्तियों को समय-समय पर तोड़ते रहें। इससे नई कली आने की संभावना बढ़ जाती है। सर्दियों में खाद की मात्रा कम करें और गर्मियों में हर 15 दिन पर जैविक खाद जरूर डालें। पौधे के आस-पास की मिट्टी को समय-समय पर हल्का ढीला करते रहें ताकि हवा और पानी जड़ों तक आसानी से पहुंचे।