Parenting Tips: बच्चों का गुस्सा अक्सर माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन जाता है। खासकर जब यह बार-बार होता है। यह समस्या सामान्य है, लेकिन जब गुस्सा बढ़ता है तो यह परिवार के माहौल को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि, आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, जिद्दीपन और गुस्सैल स्वभाव हर बच्चे का होता है।
कुछ सरल प्रभावी टिप्स अपनाकर आप अपने बच्चों के गुस्से को नियंत्रित कर सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि कैसे आप अपने बच्चों का गुस्सा शांत कर सकते हैं। कैसे आप उन्हें प्यार से समझा सकते हैं और कैसे आप उन्हें छोटी उम्र में ही समझदार बना सकते हैं।
गुस्से को शांत करने के लिए शांत स्थान
जब आपका बच्चा छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगे, तो उसके गुस्से को शांत करने के लिए सबसे पहले उसे एक शांत और शोर रहित जगह पर ले जाना चाहिए। इससे आपका बच्चा खुद को थोड़ा अलग कर पाएगा और गुस्सा कम करने में भी उसे मदद मिलेगी इसके बाद जब आपके बच्चे का गुस्सा शांत होने लगे तो आप उसे कुछ खाने के लिए दे सकते हैं।
गुस्से को समझने का उपाय
बच्चों से खुलकर बात करना उसके गुस्से को समझने और नियंत्रित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। जब आपका बच्चा गुस्से में हो तो सबसे पहले उसके साथ बैठे और उसके गुस्से की वजह जानने की कोशिश करें। जब आप समझ जाएंगे कि बच्चा किस कारण से परेशान है, तो आप उसे शांत और सही वातावरण दे पाएंगे।
गुस्से को नियंत्रित करने की कुंजी
बच्चों के गुस्से को कम करने के लिए उसे प्रोत्साहन देना बेहद जरूरी है अगर आपका बच्चा स्कूल या दोस्तों की वजह से परेशान होकर गुस्सा करता है तो आप उसके टीचर्स या दोस्तों के पेरेंट्स से बात कर सकते हैं।
ताकि, ऐसी स्थिति दोबारा ना बने इसके अलावा जब भी आपका बच्चा कोई अच्छा काम करें या अपने गुस्से पर काबू पाए तो उसे सराहना और छोटे इनाम देखकर उसकी हौसला बढ़ाएं। इससे बच्चों को सकारात्मकता मिलेगी और वह अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से संभालना सीखेगा।
कहानियों के माध्यम से गुस्से की समझ
बच्चों को गुस्से से जुड़ी कहानी सुनाना एक बेहतरीन तरीका है। जिसमें वह गुस्से के नकारात्मक प्रभावों को समझ सकते हैं। आप उन्हें ऐसी कहानी सुना सकते हैं। जहां गुस्से के कारण किसी को नुकसान हुआ हो या कैसे शांत रहने से समस्याओं का समाधान निकला।
इससे बच्चे सीखेंगे की गुस्सा करना सही नहीं है और शांत रहकर कैसे बेहतर तरीके से स्थिति को संभाला जा सकता है। जब बच्चा गुस्सा कर तो उसे डांटने, मारने की बजाय धैर्य रखें और उसके शांत होने का इंतजार करें फिर प्यार से उसे समझाएं।