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Sat, Dec 20, 2025

एक्सिडेंट में कट गए थे दोनों पैर, मगर हौंसले नहीं टूटे, तय कर लिया आईआईटी से गूगल का सफर

Written by:Ronak Namdev
Published:
कहते हैं किसी व्यक्ति का लक्ष्य बड़ा हो तो उसे हर मुश्किल को सहने की भी क्षमता होना चाहिए। सफलता पाने के लिए हर मुश्किल से गुजरना पड़ता है। आज सक्सेस स्टोरी में हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने बचपन में अपने दोनों पैर गवा दिए थे लेकिन उड़ान भरना नहीं छोड़ा। 
एक्सिडेंट में कट गए थे दोनों पैर, मगर हौंसले नहीं टूटे, तय कर लिया आईआईटी से गूगल का सफर

सपने देखना ही जरूरी नहीं है, सपने को पूरा करना जरूरी है। सपनों के पीछे लगन और मेहनत से भागना जरूरी है। इसी मेहनत और लगन से सफलता हासिल करने वाले व्यक्ति का नाम नागा नरेश है। नागा नरेश ने बचपन में एक दुर्घटना में अपने दोनों पैर गवा दिए थे। लेकिन हौसला नहीं खोया और मेहनत करना नहीं छोड़ा। न सिर्फ उन्हें शारीरिक समस्या से जूझना पड़ा, बल्कि उनके परिवार ने भी आर्थिक समस्याओं का सामना किया।

परिवार के आर्थिक समस्याओं से जूझने के बावजूद भी नागा नरेश ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। उन्होंने मेहनत और लगन पर विश्वास रखा। आज नागा नरेश गूगल में काम करते हैं। जहां कई विद्यार्थियों का पहुंचने का सपना होता है।

कौन है नागा नरेश?

नागा नरेश का जन्म आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव टीपर्रू में हुआ था। वह एक सामान्य परिवार से थे पिता एक ड्राइवर और माता ग्रहणी थी। परिवार की सोच थी कि हमारा घर कैसे भी चले माता-पिता दोनों ही पढ़े-लिखे नहीं थे। परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं थी इसी दौरान लोग नरेश एक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं जिसमें वह अपने दोनों पर गवा बैठते हैं। जब उन्हें प्राइवेट अस्पताल ले जाया जाता है तो उनका प्राइवेट अस्पताल में इलाज नहीं किया जाता है क्योंकि उनके माता-पिता के पास इतने पैसे नहीं थे। लिहाजा उन्हें सरकारी अस्पताल की मदद लेना पड़ती है और सरकारी अस्पताल में डॉक्टर उनके दोनों पैर काटने का निर्णय लेते हैं। इस घटना के बाद से नागा नरेश का जीवन पूरी तरह बदल जाता है अब वह हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर हो जाते हैं।

गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है नागा नरेश

दोनों पैर नहीं होने के बाद जो भी लोग नरेश का हौसला नहीं टूटा उन्होंने जैसे तैसे अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी की और आईआईटी jee की तैयारी में जुट गए। उन्होंने अच्छे नंबर से आईआईटी और जेईई की परीक्षा पास कर ली। उन्हें इस परीक्षा में 992 रैंकिंग आई। जबकि शारीरिक रूप से अक्षम में उन्हें चौथा स्थान मिला। इसके बाद उन्होंने आईआईटी मद्रास से b.tech की डिग्री प्राप्त की। उन्हें डिग्री मिलने के बाद कई बड़ी कंपनियों से ऑफर मिले अंत में उन्होंने गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में ज्वाइन किया।