शादी की रस्मों में फेरों का महत्व, जानें क्यों है यह सबसे महत्वपूर्ण रस्म

लड़की वालों के तरफ से विदाई आखिरी रसम होती है, शादी की रस्म से पहले दूल्हा दुल्हन फेर लेते हैं। क्या आप जानते हैं शादी में फेरों का क्या महत्व होता है? यदि नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताने वाले हैं।

Wedding Rituals : इन दिनों शादी-ब्याह का माहौल चल रहा है, जहां देखो वहां लड़का-लड़की एक-दूसरे के साथ 7 जन्म संग बिताने के लिए फेरे ले रहे हैं। चारों तरफ शहनाइयां गूंज रही है। खरमास के पहले शादी का लग्न है, लेकिन इसके बाद एक महीने के लिए शादी ब्याह बंद हो जाएंगे। हिंदू धर्म में शादी का बहुत बड़ा महत्व है। इसमें सभी समुदाय के लोग अलग-अलग रस्मों के साथ शादी को संपन्न करते हैं। इसकी शुरुआत माटी-मटकोर के साथ की जाती है। इसके बाद एक से बढ़कर एक रस्म निभाई जाती है।

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लड़की वालों के तरफ से विदाई आखिरी रसम होती है, शादी की रस्म से पहले दूल्हा दुल्हन फेर लेते हैं। क्या आप जानते हैं शादी में फेरों का क्या महत्व होता है? यदि नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताने वाले हैं।

महत्वपूर्ण रस्म

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, शादी की सभी रस्मों में फेरों का रस्म सबसे महत्वपूर्ण रस्म माना जाता है। जिसे अग्नि देवता की उपस्थिति में दूल्हा-दुल्हन द्वारा लिया जाता है। शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन एक साथ-साथ फेरे लेते हैं, जिसमें दूल्हे की बहन या परिवार की कोई लड़की दूल्हा-दुल्हन की डोरी को बांधती है, ताकि दांपत्य जीवन उनका हमेशा खुशहाली से भरा पूरा रहे। इस दौरान धन, सुपारी, फुल, ध्रुव, चावल, हल्दी, आदि का इस्तेमाल किया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि गठबंधन के दौरान इन सब चीजों का क्या महत्व है। इससे दोनों के बीच मन में एकता आती है। यह शादी के बंधन का प्रतीक माना जाता है और लगभग सभी समुदाय के लोग इस रस्म को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि दूल्हे के कुर्ते का एक सिर और दूल्हा-दुल्हन की साड़ी या चुनरी का एक सिर बढ़ने से पति-पत्नी एक-दूसरे के हो जाते हैं।

पूजा-पाठ के नियम

वहीं, सुपारी को पवित्र फल माना गया है। इसका धार्मिक कार्यक्रमों में उपयोग किया जाता है, तो वहीं चावल भोजन का प्रतीक है और यह शुभ भी है। इसलिए इसे हर पूजा-पाठ के दौरान यूज किया जाता है। इसके अलावा, गठबंधन के दौरान सिक्के का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका अर्थ है कि दोनों पति-पत्नी को साथ में सामंजस्य बैठकर जीवन भर चल रहा है। हल्दी को औषधि जड़ी बूटी माना जाता है। शादी में इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, ताकि दूल्हा-दुल्हन को किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक समस्या ना हो। साथ ही बेहद स्वरूप में माना जाता है। इसके अलावा, फूल और दुर्वा का इस्तेमाल रिश्तो में खुशी मीठा और प्यार को बरकरार रखने के लिए किया जाता है, जो देवी देवताओं को प्रिय है।

शादी का महत्व (Wedding Rituals)

दूल्हा-दुल्हन को इस दौरान तरह-तरह के रीति-रिवाज निभाने होते हैं। पूरे विधि-विधान और रस्मों के साथ एक पुरुष और स्त्री दांपत्य जीवन के लिए एक-दूसरे का हाथ थामते हैं, जो 7 जन्मों के लिए एक-दूसरे के होने का वचन लेते हैं। हिंदू धर्म में हर व्यक्ति के जीवन में 16 संस्कार होते हैं, जिनमें से एक विवाह भी शामिल है। इस दौरान सभी देवी-देवताओं का विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।


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