भारत के इस अनोखे मेले में औरतें करती हैं छड़ी से हमला, आदमी नहीं दिखते बाहर!

इन 16 दिनों तक गवर माता का पूजन होता है। इसके अलावा, मेले में महिलाएं तरह-तरह के स्वांग भी रचती हैं। जिसमें शामिल होने के लिए दुनिया भर के लोग पहुंचते हैं। यहां का उत्सव अलग ही तरह का नजर आता है।

भारत का हर एक शहर अलग-अलग महत्व के लिए जाना जाता है। पूरब से लेकर पश्चिम तक… उत्तर से लेकर दक्षिण तक… हर कोने में स्थित शहर देश के विकास से लेकर लोगों के लिए अपनी अलग भूमिका निभाता है। कुछ शहर सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, तो कुछ शहर अपने आप में इतिहास समेटे हुए हैं। कुछ शहर उद्योग के लिए जाना जाता है, तो कुछ शहर पर्यटकों के बीच फेमस है। कुछ शहर छात्रों के लिए पढ़ाई का गढ़ है, तो कुछ शहर महंगाई के लिए भी फेमस है। देश में एक से बढ़कर एक रीति-रिवाज और परंपराएं निभाई जाती है। कुछ घटनाएं इतनी ज्यादा अजीबोगरीब होती हैं कि उसके बारे में सुनकर सभी लोग आश्चर्य हो जाते हैं। इस तरह की परंपराएं इन्हें सबसे अलग बनाती है।

आज के आर्टिकल में हम आपको उस अनोखे रिवाज से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जहां रात भर सड़कों पर अलग-अलग स्वांग रचकर महिलाएं निकलती हैं। इस त्यौहार को उस जगह पर बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

जोधपुर में लगता है मेला

हमारे देश में त्यौहार की कोई कमी नहीं है। देश भर से लेकर स्थानीय त्योहार की अलग-अलग परंपराएं कथाएं और रिवाज है। आज हम आपको राजस्थान के जोधपुर में लगने वाले का अनोखा मेल से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जहां 16 दिन तक सुहागिन महिलाएं पूजा करके सड़कों पर निकलती हैं। इस दौरान उन्हें सड़कों पर कोई भी आदमी दिख जाए, तो ये उनपर जमकर लाठियां बरसाती हैं।

सड़कों पर महिलाओं का राज

पूरी रात महिलाओं का सड़कों पर राज रहता है। इन 16 दिनों में महिलाएं तरह-तरह के कर्तव्य भी दिखाती हैं। इस त्यौहार को बेंतमार के नाम से जाना जाता है। जिसका सालों भर बेसब्री से इंतजार किया जाता है। इसके पीछे पुरानी कथा जुड़ी हुई है। जिसके अनुसार, पुराने समय में भाभी अपने देवर और अन्य कुवांरों युवकों को प्यार से छड़ी मार कर बताती थी कि वह कुंवारे हैं। भाभी के बेंत मारने के बाद कुंवारे लड़कों की जल्दी शादी हो जाती थी।

एक ही बार खाती हैं खाना

बता दें कि 16 दिन चलने वाले इस त्योहार के दौरान महिलाएं दिन में केवल एक बार ही खाना खाती हैं। कई वर्षों से यह परंपरा निभाई जा रही है। पूरे 16 दिन अनुष्ठान और पूजा चलता है। तब महिलाएं रात में हाथ में छड़ी लेकर निकलते हैं और सामने जो भी पुरुष दिखते हैं उसे मारती हैं। इन 16 दिनों तक गवर माता का पूजन होता है। इसके अलावा, मेले में महिलाएं तरह-तरह के स्वांग भी रचती हैं। जिसमें शामिल होने के लिए दुनिया भर के लोग पहुंचते हैं। यहां का उत्सव अलग ही तरह का नजर आता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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