आजादी से पहले भारत का इतिहास बहुत ही जुल्म भरा रहा है। लोगों को हमारे ही देश में गुलाम बनाकर अंग्रेजों ने रखा था। ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत में प्रवेश करने वाले अंग्रेज धीरे-धीरे पूरे भारत में कब्जा करते गए। इस दौरान कई सारे क्रांतिकारियों ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी और आखिरकार इसमें जीत भी हासिल हुई। बात करें उस कंपनी की जिससे अंग्रेज भारत आए थे, तो यह ईस्ट इंडिया कंपनी है, जिसने भारत पर करीब दो सदियों तक शासन किया।
अब हम आपको यह बता दें कि जिस कंपनी को अंग्रेज चला रहे थे, अब उसी कंपनी को एक भारतीय द्वारा चलाया जा रहा है।
ईस्ट इंडिया कंपनी
भारतीय बिजनेसमैन संजीव मेहता के स्वामित्व में ईस्ट इंडिया कंपनी है, जो कि ब्रिटिश साम्राज्य की सबसे ताकतवर संस्था मानी जाती है। इसकी स्थापना 31 दिसंबर 1600 को हुई थी। इस कंपनी के जरिए मसाले, कपड़े और अन्य सामान को ले जाकर यूरोप में बेचा जाता था।
संजीव मेहता ने किया पुनर्जीवित
हालांकि, कंपनी ने धीरे-धीरे पूरे भारत में नियंत्रण जमा लिया था। बता दें कि कंपनी का 1858 के बाद कोई अस्तित्व नहीं रहा। इसे 1874 में आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया गया, लेकिन नाम का रजिस्ट्रेशन और ट्रेडमार्क बना रहा। मुंबई के रहने वाले कारोबारी संजीव मेहता ने इस ऐतिहासिक कंपनी को पुनर्जीवित किया। यूके में बस चुके इस बिजनेसमैन को जब यह पता चला कि ईस्ट इंडिया कंपनी का नाम और उससे जुड़ा ट्रेडमार्क रजिस्टर में मौजूद है और उसे खरीदा जा सकता है, तो उन्होंने साल 2005 में उसके नाम और अधिकारों को खरीदना शुरू किया। साल 2010 तक संजीव इस कंपनी के एकमात्र मालिक बन गए थे।
बेचती है ये प्रोडक्ट्स
यह कंपनी चाय, कॉफी, मसाले, चॉकलेट, बिस्किट, सूखे मेवे जैसी चीजें बेचती है। लंदन में इसका बहुत बड़ा स्टोर है। यदि आप इसकी वेबसाइट से कुछ मंगवाना चाहते हैं, तो ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं। यह दुनिया भर में अपनी सर्विस देता है। इन प्रॉडक्ट्स की पैकेजिंग और ब्रांडिंग में ऐतिहासिक शाही अंदाज दिखता है। आज यह कंपनी यूके, मिडल ईस्ट, भारत और अन्य देशों में अपने प्रीमियम प्रोडक्ट्स भेज रही है।





