भारतीय देसी खिचड़ी अब बन गई है Superfood, टू मिनट मैगी की बजाय झटपट खिचड़ी बनाइए और सेहत पाइए

आज के समय में हेल्थ कॉन्शियस लोगों में ऐसी dishes की माँग बढ़ रही है जो न सिर्फ स्वादिष्ट हो, बल्कि स्वास्थ्य के लिए लाभकारी भी हो। इस कैटेगरी में खिचड़ी से बढ़कर भला कौन सा भोजन होगा। फटाफट बनने वाली आसान, स्वादिष्ट और सुपाच्य खिचड़ी हमेशा से हमारी थाली का हिस्सा रही है। और अब धीरे धीरे इसकी लोकप्रियता विदेशों तक पहुँच गई है। आज आपको सड़क किनारे बने ढाबे से लेकर फाइव स्टार होटल तक..खिचड़ी एक हेल्दी और टेस्टी डिश के रूप में मिल जाएगी।

Khichdi has now become a superfood

Indian desi Khichdi has now become a superfood : खिचड़ी…भारतीय घरों में बनने वाली सादी और आसान रेसिपी है। दाल और चावल से बनने वाली ये डिश कई तरह के पोषण से भरपूर होती है और इसे आप अलग अलग तरीकों से बना सकते हैं। लेकिन अब हमारे यहां का ये साधारण भोजन एक सुपरफूड की श्रेणी में आ गया है। जो प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर खिचड़ी बनाने में सरल, स्वाद में बेहतरीन और गुणों से भरपूर है। यही वजह है कि अब हमारा ये देसी फूड विदेशों में भी लोकप्रिय हो रहा है।

खिचड़ी बनाना बहुत आसान है और यह ख़ासतौर पर उस समय बनाई जाती है जब लोग कुछ हल्का और सुपाच्य खाना चाहते हैं। यही क्वालिटी इसे बीमारी, थकान या वक्त की कमी के दौरान बनाया जाने वाला एक बेस्ट फूड ऑप्शन बनाती है। फटाफट बनने वाली खिचड़ी में आप दाल चावल के साथ अपनी पसंद की सब्जियां, मसाले और अन्य अनाज भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे कई तरीके और विधि से बनाया जा सकता है और यही वजह है कि घर घर में बनने वाली खिचड़ी में हर बार नया स्वाद मिलता है।

खिचड़ी: स्वादिष्ट, सेहतमंद और सरल भोजन

कहते हैं कि अन्न का संबंध मन से होता है और इस बात को आधार मानें तो अधिकांश भारतीय परिवारों में खिचड़ी एक इमोशनल फूड है। बचपन से हम इसे खाकर बड़े हुए हैं और बीमारी या किसी अन्य आपात स्थिति में ये हमेशा हमारे साथ रही है। भारत के विभिन्न हिस्सों में खिचड़ी की कई किस्में हैं, जैसे मूंग दाल की खिचड़ी, तुअर दाल की खिचड़ी, बिना छोंक वाली, फ़्राइड खिचड़ी, सिर्फ दाल चावल से तैयार या ढेर सारी सब्जियां डालकर बनाई हुई खिचड़ी।

खिचड़ी जो अब बन गई है Superfood और Comfort food

खिचड़ी एक पारंपरिक भारतीय भोजन है जो अब “सुपरफूड” के रूप में लोकप्रिय हो रहा है। इसके कई पोषण लाभ और स्वास्थ्य संबंधी गुण हैं, जो आज के आधुनिक समय में एक स्वस्थ विकल्प बनाते हैं। खिचड़ी को सुपरफूड इसलिअए कहा जाता है क्योंकि यह एक संतुलित भोजन है, जिसमें चावल और दाल का संयोजन होता है जो प्रोटीन, फाइबर, और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसकी हल्की और सुपाच्य विशेषताएँ इसे पाचन में आसान बनाती हैं। इसके अलावा, यह वेट लॉस  में मदद करती है और ग्लूटेन-मुक्त विकल्प होने के कारण ग्लूटेन सेंसेटिव लोगों के लिए भी मुफीद है। खिचड़ी में आमतौर पर एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व भी होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं।

खिचड़ी को “कम्फर्ट फूड” भी कहा जाता है क्योंकि यह एक साधारण और पौष्टिक भोजन है। इसे हल्की और सुपाच्य सामग्री से बनाया जाता है और आप इसे झटपट बना सकते हैं। अगर आपके पास समय की कमी है तो दस से पंद्रह मिनट में खिचड़ी तैयार हो सकती है। वहीं, इसकी नरम और मुलायम बनावट इसे पचाने में आसान बनाती है, जो बच्चों और बुजुर्गों के लिए अच्छी होती है। बीमारी के लिए तो ये सबसे उपयुक्त भोजन है। खिचड़ी हमारे घरों में बनने वाली वो साधारण डिश है जो अब फ़ाइव स्टार होटलों तक में परोसी जाने लगी है। हालांकि डायबिटीज़ और कुछ अन्य बीमारियों के मरीजों को खिचड़ी से परहेज की सलाह भी दी जाती है। इसलिए, अपने भोजन में इसे शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

खिचड़ी के पोषण लाभ

1. पाचन में सुधार : खिचड़ी को आसानी से पचने योग्य माना जाता है। यह हल्की होती है और आंतों की सेहत में सुधार लाने में मदद करती है, जिससे एसिडिटी और अन्य पाचन समस्याओं में राहत मिलती है 
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2. वेट मैनेजमेंट : यह कैलोरी में कम होती है फिर भी आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे बार बार खाने की इच्छा कम होती है। इसीलिए लोग इसे वजन कम करने के लिए भी एक प्रभावी विकल्प मानते हैं 
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3. ग्लूटेन-फ्री : खिचड़ी में ग्लूटेन नहीं होता, जो इसे ग्लूटेन सेंसेटिव लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है 
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4. डिटॉक्सिफिकेशन : यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है और आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होती है

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5. एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण : इसमें हल्दी जैसे एंटी-इन्फ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे सर्दी, एलर्जी और घाव भरने में मदद करते हैं 
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(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसे लेकर कोई दावा नहीं करते हैं। विशेषज्ञ से परामर्श की सलाह।)


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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