क्या आप पहली बार कर रहे छठ व्रत? इन 6 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो रूठ जाएंगी छठी मैया

इस बार 25 अक्टूबर से छठ महापर्व की शुरुआत होने वाली है और इसका समापन 28 अक्टूबर दिन मंगलवार को होगा। इस पर्व में महिलाएं 36 घंटे निर्जला व्रत रखकर सूर्यदेव और छठी मइया की पूजा करती हैं। महिलाओं को छठ व्रत के दौरान कई बातों का ध्यान रखना चाहिए नहीं तो एक झटके में व्रत टूट सकता है। चलिए जानते हैं कि कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए?

छठ पर्व हिंदू धर्म में सबसे कठोर व्रत वाला त्योहार है। 25 अक्टूबर से इस पर्व की शुरूआत हो रही है। इस पर्व में भक्त सूर्य देव और छठी मईया की पूजा करते हैं। यह पर्व चार दिनों तक चलता है। इसमें व्रती महिलाएं पूरे 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं। वे बिना जल और अन्न ग्रहण किए सूर्य देव को दो बार अर्घ्य देती हैं। पहले डूबते सूर्य को फिर अगले दिन उगते सूर्य को। इसी के साथ यह व्रत पर्व पूर्ण होता है। ये त्योहार दिवाली की तरह की मनाया जाता है।

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​हिंदू धर्म के सभी त्योहार नियम और परंपराओं से जुड़े हुए हैं। ऐसे ही छठ पर्व पर भी कड़े नियमों का पालन करना होता है। छठी मैया के पूजन या व्रत में एक भी गलती पूरे जीवन में बाधा उत्पन्न कर सकती है। वैसे भी छठ का व्रत सभी व्रत में से सबसे कठिन माना जाता है। इसलिए छठ पूजा के व्रत का सावधानीपूर्वक करना चाहिए और कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं छठ पूजा में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए?

छठ महापर्व में रखें इन 6 बातों का ध्यान

1. गर्भवती महिलाएं छठ पूजा बेहद सावधानी से करें। इसके साथ ही गर्भवती महिलाएं छठ पूजा में भारी सामान उठाने से बचें या बड़े बड़े कार्य करने से बचें।

2. छठ पर्व के दौरान तामसिक भोजन को ग्रहण करने से बचना चाहिए. छठ के 4 दिन प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा आदि चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए।

3. छठ पर्व के दौरान प्रसाद बनाने के लिए उन बर्तनों के इस्तेमाल से बचना चाहिए, जिनमें नॉनवेज बनाया गया हो।

4. छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। कोशिश करें कि छठ पूजा के पूरे चार दिनों तक मंदिर और घर की पवित्रता बनाए रखें।

5. छठ व्रत में व्रत रखने वाली महिलाओं को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। उन्हें फर्श पर चादर बिछाकर ही सोना चाहिए। यह एक सादगी और त्याग का प्रतीक है जो व्रत की पवित्रता को बढ़ाता है।

6. छठ पूजा में साफ़-सफाई और पवित्रता का बहुत महत्व है। पूजा के दौरान बिना हाथ धोए किसी भी सामग्री को छूना वर्जित है। इससे पूजा की पवित्रता प्रभावित होती है।


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