Sun, Dec 28, 2025

बच्चों की खुशियों और दीर्घायु के लिए क्यों अहम है अहोई अष्टमी का व्रत? जानें इसका महत्व

Written by:Bhawna Choubey
Published:
अहोई अष्टमी का व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र, खुशियों और समृद्धि के लिए करती हैं। इस दिन माता पार्वती और अहोई माता की पूजा करने से संतान को आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
बच्चों की खुशियों और दीर्घायु के लिए क्यों अहम है अहोई अष्टमी का व्रत? जानें इसका महत्व

Ahoi Ashtami 2024: अहोई अष्टमी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह माताओं के लिए अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना का एक सशक्त माध्यम है। यह व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता द्वारा निर्जला व्रत रखा जाता है। इस व्रत में न सिर्फ माताएं भूखी रहती है बल्कि पानी भी नहीं पीती है।

इस दिन माताएं विधि-विधान से माता पार्वती और अहोई माता की आराधना करती है। जिससे कि उनके बच्चे स्वस्थ रहे और जीवन में खुशहाली रहें। यह व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।

कब मनाई जाएगी अहोई अष्टमी 2024 (Ahoi Ashtami 2024)

अहोई अष्टमी 2024 का व्रत इस साल 24 अक्टूबर को सुबह 1:20 से शुरू होगा और इसका समापन 25 अक्टूबर को सुबह 1: 55 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार यह व्रत 24 अक्टूबर गुरुवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन सभी माताएं, माता पार्वती और अहोई माता की पूजा कर अपने संतान सुख की कामना करते हैं।

अहोई अष्टमी के दिन बन रहे ये शुभ योग

अहोई अष्टमी के दिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कई शुभ योग बनते हैं, जो इस पर्व को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से साध्य योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो भक्तों के लिए विशेष लाभकारी माना जा रहा है। इसके अलावा स्वार्थ सिद्धि योग और गुरु पुष्य योग का सहयोग भी इस दिन मौजूद है, जो पूजा और आराधना को और भी फलदाई बनाते हैं। इन शुभ योगों के कारण माताएं और भक्त इस दिन की पूजा को अत्यधिक श्रद्धा और आस्था के साथ करते हैं, ताकि वे अपने परिवार के लिए सुख, समृद्धि की प्राप्ति कर सके।

अहोई अष्टमी व्रत का महत्त्व

अहोई अष्टमी का व्रत माता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं। ऐसा माना जाता है की माता पार्वती और अहोई माता की पूजा करने से परिवार में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व होता है। जिसमें, भोजन वस्त्र या धन का दान जरूरतमंदों को किया जाता है। इस प्रकार अहोई अष्टमी का व्रत माता की संतान की सुख और कल्याण के लिए समर्पित होता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।