नवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है, जिसे साल में दो बार मनाया जाता है। साल भर में कुल चार नवरात्रि मनाई जाती है, चैत्र नवरात्रि जो हिंदू नववर्ष की शुरुआत के साथ मनाई जाती है। शारदीय नवरात्रि, यह सबसे प्रसिद्ध नवरात्रि होती है जो दशहरा से पहले मनाई जाती है। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि जो कि जून या फिर जुलाई के महीने में मनाई जाती है। माघ गुप्त नवरात्रि जो कि जनवरी से फ़रवरी के महीने में मनाई जाती है। अब कुछ दिनों के बाद चैत्र नवरात्रि मनाई जाएगी।
साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च रविवार से शुरू हो रही है। नवरात्रि माँ दुर्गा को समर्पित होती है। इन नौ दिनों में माँ भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा और अर्चना की जाती है। भक्तजन इन दिनों में उपवास रखते हैं, और माँ दुर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि की पूजा में वास्तु शास्त्र का अभी ख़ास महत्व होता है। इन आसान वास्तु नियमों का पालन करके हम माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

ये 6 वास्तु नियम अपनाकर मां दुर्गा से पाएं आशीर्वाद (Chaitra Navratri)
साफ़ सफ़ाई
नवरात्र शुरू होने से पहले घर की साफ़ सफ़ाई अच्छी तरह से करनी चाहिए। घर में रखा पुराना सामान या फिर भंगार तुरंत घर से बाहर कर देना चाहिए। क्योंकि ये चीज़ें घर में नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है और सकारात्मक ऊर्जा में बाधा लाती है। पूजा स्थल की अच्छी तरह से साफ़ सफ़ाई करें नवरात्र के पहले दिन माता की मूर्ति या फिर चित्र स्थापित करें और धूप दीप जुलाई ताकि वातावरण सुगंधित बना रहे।
सही दिशा का चयन करें
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है, ऐसे में चैत्र नवरात्र में भी दिशाओं का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। पूजा के लिए उत्तरी या उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण दिशा सबसे शुभ मानी जाएगी। माँ की मूर्ति या कलश को इसी दिशा में स्थापित करें। इस दिशा में पूजा पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और कहा जाता है कि यह दिशा देवस्थान की दिशा कहलाती है।
पूजा में किस दिशा में होना चाहिए आपका मुख
इस बात का ख़ास ध्यान रखें कि पूजा करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा में देवताओं का वास होता है। इसी दिशा से सकारात्मक उर्जा आती है। इसके अलावा इस दिशा को शक्ति और आध्यात्मिक में उन्नति का स्रोत भी माना जाता है। इसलिए इस बात का ख़ास ध्यान रखें।
चौकी पर ज़रूर करें यह काम
माता की मूर्ति या फिर चित्र को स्थापित करने से पहले चौकी पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना आवश्यक है। जब कभी भी हम कुछ शुभ कार्य करते हैं या किसी भी तरह की पूजा पाठ शुरू करते हैं तो सबसे पहले स्वास्तिक का चिन्ह बनाना चाहिए। अगर आप लकड़ी की चौकी तैयार करेंगे तो यह और भी अच्छा माना जाएगा। चौकी तैयार करने के लिए आप आम की लकड़ी का इस्तेमाल करेंगे तो यह और भी शुभ रहेगा।
इस दिशा में जलाएं अखंड ज्योत
नवरात्र में भक्तो अखंड ज्योत ज़रूर चलाते हैं इन दिनों में अखंड ज्योत का विशेष महत्व होता है। अखंड ज्योत जलाने के दौरान दिशा का ख़ास ध्यान रखें ऐसा नहीं है कि आप किसी भी दिशा में अखंड ज्योत जला दें। अखंड ज्योति आग्नेय कोण यानी दक्षिण पूर्व दिशा में जलाना शुभ माना जाएगा। इसी दिशा में अग्नि देवता का स्थान होता है।
इन धातुओं के बर्तन का करें इस्तेमाल
पूजा के दौरान तीन धातुओं के बर्तनों का इस्तेमाल करना है इस बात का भी विशेष ध्यान रखें। पूजा के दौरान ताम्बे या पीतल के बर्तन का ही उपयोग करें। अगर संभव हो सके तो चाँदी की थाली या जल पात्र का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं। माँ दुर्गा को ताज़े लाल फूल रोज़ अर्पित करें।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।