भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज यानि 28 अक्टूबर से छठ पूजा (Chhath Puja 2022) के पर्व की शुरुआत हो चुकी है। आस्था और श्रद्धा के साथ यह पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। भक्तगण निर्जला व्रत रखते हैं, यह वक्त बहुत कठिन माना जाता है। इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और पारन के साथ इसका समापन होता है। 36 घंटों तक तक निर्जला व्रत रखकर भक्त भगवान सूर्य और छटी मईया की पूजा-आराधना करते हैं।
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नहाय-खाय आज
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय पड़ता है। 28 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ इस महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। नहाय-खाय के दिन सूर्योदय सुबह 6:37 पर हुआ है और सूर्यास्त का समय शाम 6:07 है। नहाय-कहे के वरती घर या नदी में स्वच्छ जल से स्नान करते हैं और प्रसाद बनाते हैं। इस दिन लौकी/कद्दू की सब्जी खाने का नियम होता है। खाने में सेंधा नमक का इस्तेमाल होता है और लहसुन प्याज भी वर्जित होता। भगवान सूर्य की आराधना करके व्रती प्रसाद ग्रहण करते हैं और उसके बाद ही प्रसाद परिवार और अन्य लोगों द्वारा ग्रहण किया जाता है। इस साल सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग में नहाय खाय मनाया जाएगा।