Diwali 2021 : यहां दीपावली पर मनाते हैं शोक दिवस, ये है वजह

मिर्जापुर, डेस्क रिपोर्ट। दीपावली का पर्व है और देशभर में इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दिवाली पर हर ओर उत्साह और उमंग का माहौल रहता है लेकिन एक ऐसी भी जगह है जहां रोशनी के इस पर्व को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Ujjain : महाकाल मंदिर में मनाई गई दिवाली, आतिशबाजी हुई, 56 भोग चढ़े

मड़िहान तहसील के राजगढ़ इलाके में अटारी गांव और उसके आस-पास बसे लगभग आधा दर्जन गांवों में चौहान समाज दिवाली नहीं मनाता है। इसमें मटिहानी, मिशुनपुर, लालपुर, खोराडीह आदि गांवों में दीपावली को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। पीढ़ियों से ये परंपरा चली आ रही है। दरअसल उनका मानना है कि दीपावली के दिन ही मुहम्मद गोरी ने सम्राट पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chauhan) की हत्या की थी। उनके शव को गंधार ले जाकर दफनाया गया था। ये पृथ्वीराज चौहान के वंशज हैं और इसी कारण उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में चौहान समाज की लगभग 8000 की आबादी सैकड़ों साल से दीपावली के दिन खुशियां नहीं मनाता। शोक मनाने की परंपरा का निर्वाह आज किया जाता है। दीपावली पर ये लोग अपने घरों में रोशनी नहीं करते और एकादशी (देव दीपावली) के दिन त्योहार मनाते हैं। उसी दिन घरों में रोशनी की जाती है और दीपावली मनाई जाती है।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News