बजरंगबली को उनके जन्मदिन पर लगाओ ये स्पेशल भोग, दर्द-दुख सब छूमंतर

Hanuman Jayanti: हनुमान जन्मोत्सव का दिन हर भक्त के लिए बेहद खास होता है। इस दिन लोग बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं, मंदिर जाते हैं और विशेष पूजा करते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि हनुमान जी की कृपा आप पर बनी रहे, तो उनके पसंदीदा भोग जरूर चढ़ाएं।

हनुमान जन्मोत्सव हिन्दू धर्म का एक बेहद ख़ास त्योहार है। माना जाता है कि इसी टीम पवनपुत्र हनुमान जी का जन्म हुआ था। हर साल या दो बार मनाया जाता है, एक बार चैत्र महीने की पूर्णिमा को और दूसरी बार कार्तिक महीने की पूर्णिमा को। मान्यता है कि एक दिन उनका जन्म हुआ था और एक दिन माता सीता ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था, इसलिए दोनों दिनों को ख़ास माना जाता है।

चूंकि हनुमान जी अमर है, इसलिए उनके जन्मदिन को जयंती न कहते हुए हमें जन्मोत्सव कहना चाहिए। इस बार चैत्र पूर्णिमा 12 अप्रैल को है, ऐसे में अगर आप भी भगवान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, उनके पसंदीदा भोग ज़रूर अर्पित करें । सही भोग अर्पित करने से वे जल्दी ख़ुश होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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हनुमान जन्मोत्सव पर क्या भोग लगाएं

बेसन के लड्डू

भगवान हनुमान को बेसन के लड्डू बहुत ही प्रिय है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन भगवान हनुमान की विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद उन्हें बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।

बूंदी

भगवान हनुमान को बूंदी और बूंदी के लड्डू भी बेहद पसंद है। जब हम हनुमान जी को उनके पसंदीदा भोगों का भोग लगाते हैं, तो ऐसा करने से ग्रह दोष दूर होते हैं, अच्छे कामों में आ रही अड़चनें भी दूर हो जाती है।

इमरती

हनुमान जी के प्रिय भोगों में इमरती भी शामिल है। इमरती का भोग लगाने से, भगवान हनुमान अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। अगर आप किसी कारण से घर पर इमरती नहीं बना पा रहे है, तो आप बाज़ार से भी ख़रीद कर ला सकते हैं।

केला

बहुत से लोग हनुमान जन्मोत्सव के दिन भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह के फलों का प्रसाद भी चढ़ाते हैं। ऐसे में इसे तीन केले का प्रसाद ज़रूर चढ़ाना चाहिए, इस बात का ख़ास ध्यान रखें, भगवान हनुमान को भोग में पीली चीज़ें बेहद पसंद आती है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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