Kaal Bhairav Ashtami : भैरव अष्टमी आज, जरूर खिलाएं कुत्ते को मीठी रोटी, इन उपायों से दूर होंगे सारे संकट

Lalita Ahirwar
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धर्म, डेस्क रिपोर्ट। आज भगवान शिव का रौद्र स्वरूप काल भैरव अष्टमी (Bhairav ashtami) मनाई जा रही है। मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालभैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2021) के रूप में मनाया जाता है। इसे कालाष्टमी भ कहा जाता है। इस साल कालभैरव जयंती आज यानि 27 नवंबर, शनिवार को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कालभैरव का अवतरण हुआ था। काल भैरव, भगवान शिव का ही रूप हैं और इनकी पूजा करने से किसी को भय नहीं सताता।

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हिन्दु धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि काल भैरव की पूजा से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा अगर आप शनि, राहु जैसे पापी ग्रहों की वजह से परेशान हैं, गरीबी आपका पीछा नहीं छोड़ रही है, किसी तरह की शारीरिक, आर्थिक और मानसिक समस्याओं से परेशान हैं तो आपको काल भैरव की प्रार्थना करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि खुद काल भी काल भैरव से डरता है। इस दिन काल भैरव की विधि-विधान से पूजा करने से तंत्र, मंत्र, भूत, प्रेत बाधा का नाश होता है। भैरव का वाहन श्वान है इसलिए भैरव अष्टमी के दिन श्वान का भी पूजन किया जाता है। इस दिन श्वानों को भोजन करवाने से भैरव प्रसन्न होते हैं।

भैरव अष्टमी पर अपनाएं ये उपाय

भगवान शिव का रूद्र रूप होने के कारण भैरव अष्टमी के दिन भगवान शिव का पूजन, अभिषेक करने से भैरव की भी कृपा प्राप्त होती है। काल भैरव की पूजा करने वाले व्यक्ति पर कोई भूत, पिशाच हावी नहीं हो सकता और व्यक्ति के सारे संकट दूर होते हैं। इन तरीकों से आप काल भैरव की पूजा कर सकते हैं। काल भैरव अष्टमी के दिन रात के 12 बजे काल भैरव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और नीले रंग के फूल चढाएं। अगर आप अपनी किसी खास मनोकामना को पूरा करना चाहते हैं तो इसके लिए आज के दिन किसी पुराने काल भैरव के मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करें और काल भैरव को सिंदूर और तेल का चोला चढ़ाएं। पूजा करने के लिए 21 बेलपत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखें और मन में ऊं नम: शिवाय का जाप करें। शनिवार के दिन रात में बारह बजे काल भैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही और गुड़ का भोग लगाएं।

जरूर खिलाएं काले कुत्ते को रोटी

श्वान (कुत्ता) को भगवान कालभैरव का वाहन कहा गया है। कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाने से भगवान कालभैरव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि इससे शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है। कालाष्टमी पर कुत्ते को रोटी में गुड़ रखकर खिलानी चाहिए। मान्यता है कि इससे आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।


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