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Wed, Dec 17, 2025

किस दिन रखा जाएगा रमा एकादशी का व्रत? जानें सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त

Written by:Bhawna Choubey
Published:
रमा एकादशी का व्रत इस दिन रखा जाएगा, जब भक्तजन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 23 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
किस दिन रखा जाएगा रमा एकादशी का व्रत? जानें सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त

Rama Ekadashi 2024: कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है और माना जाता है कि इस एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

रमा एकादशी का व्रत श्रद्धा भक्ति के साथ किया जाता है। इस वर्ष रमा एकादशी कब है, यह जानना बेहद जरूरी है ताकि सभी भक्तजन सही समय सही दिन पर व्रत का पालन कर सके। रमा एकादशी कब है, यह जानने के लिए भक्ति बेताब है, तो चलिए जान लेते हैं।

कब है रमा एकादशी 2024

रमा एकादशी 2024 में 27 अक्टूबर को सुबह 5:23 पर शुरू होगी और इसका समापन 28 अक्टूबर को सुबह 10:31 पर शुरू होगा। जैसा की वैदिक पंचांग में बताया गया है, हर त्यौहार उदयातिथि के अनुसार मनाया जाता है। इसलिए रमा एकादशी का व्रत भी 28 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा। इस दिन भक्तजन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं जिससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग मिलता है।

रमा एकादशी का महत्व

रमा एकादशी का महत्व धार्मिक मान्यताओं में विशेष रूप से लिखित है। इस व्रत को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है। उसके सभी पाप धुल जाते हैं, जो भी व्यक्ति पूरे मन और श्रद्धा के साथ रमा एकादशी का व्रत रखते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है। इस दिन भक्तजन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना करते हैं जिससे उन्हें आध्यात्मिक लाभ और शांति मिलती है।

रमा एकादशी की पूजा-विधि

रमा एकादशी की पूजा-विधि सनातन शास्त्रों के अनुसार विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन समृद्धि समस्याएं दूर होती है। रमा एकादशी का व्रत रखने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद घर के एक साफ स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

यदि आपके घर में मंदिर है तो वहां भी पूजा कर सकते हैं। पूजा के लिए दीपक, अगरबत्ती, फूल, फल, तुलसी दल, चंदन, रोली और मिठाई जैसी सामग्री इकट्ठी कर लें। फिर भगवान विष्णु के मत्रों का जवाब करें और व्रत का संकल्प लें, अपनी मनोकामना व्यक्त करें। पूरे दिन केवल फल और पानी का सेवन करें।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।