भारत एक ऐसा देश है जहां हर जगह का कोई न कोई ऐतिहासिक या पौराणिक महत्व जरूर होता है। लेकिन कुछ शहरों के नाम ऐसे भी हैं जो आपको हैरान कर सकते हैं, क्योंकि उनके पीछे की कहानी राक्षसों से जुड़ी है। गर्मियों में अगर आप कहीं घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये शहर आपके ट्रैवल लिस्ट में जरूर शामिल हो सकते हैं, क्योंकि इनकी कहानियां जितनी पुरानी हैं, उतनी ही रोचक भी।
भारत में बहुत से शहरों का नाम धार्मिक और पौराणिक घटनाओं से जुड़ा है। लेकिन कुछ जगहें ऐसी हैं जो राक्षसों के नाम से पहचानी जाती हैं। ये नाम केवल कहानी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आज भी इन शहरों में उन राक्षसों से जुड़ी मान्यताएं और स्थल मौजूद हैं।

1. मैसूर भी इसमें शामिल
मैसूर शहर का नाम राक्षस महिषासुर के नाम पर पड़ा है, जिसे देवी चामुंडेश्वरी ने मारा था। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, महिषासुर एक बहुत ताकतवर राक्षस था जो देवताओं को परेशान करता था। चामुंडा देवी ने उसका वध किया और उसी जगह को महिषा-ऊरु यानी महिषासुर का शहर कहा जाने लगा। बाद में यही नाम बदलकर मैसूर हो गया। 2014 में इसका नाम आधिकारिक रूप से मैसुरु रखा गया।
2. जालंधर का भी नाम
पंजाब का जालंधर शहर असुर जलंधर के नाम पर है। पौराणिक कथा के अनुसार, जलंधर बहुत ही शक्तिशाली राक्षस था, जिसकी पत्नी वृंदा का पतिव्रता धर्म इतना मजबूत था कि खुद भगवान विष्णु भी उसे सीधे मार नहीं पाए। बाद में भगवान विष्णु ने छल से वृंदा का सतीत्व भंग किया, जिससे जलंधर कमजोर हुआ और मारा गया। आज जालंधर शहर पंजाब का बड़ा औद्योगिक केंद्र है, लेकिन इसकी कहानी आपको पुराने समय की झलक देती है।
3. गया भी इनमें शामिल
बिहार का गया शहर असुर गयासुर से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि गयासुर ने ईश्वर से वरदान मांग लिया था कि जहां भी उसका शरीर रखा जाए, वो जगह पवित्र हो जाएगी। बाद में जब देवताओं ने उसका शरीर वहीं स्थिर कर दिया तो वह जगह गया कहलाने लगी। यही वजह है कि गया को पिंडदान के लिए सबसे पवित्र स्थानों में गिना जाता है और हर साल हजारों लोग अपने पितरों की शांति के लिए यहां आते हैं।
4. पलवल भी शामिल
हरियाणा का पलवल शहर प्राचीन समय में पलंबपुर कहलाता था। इसका नाम राक्षस पलंबासुर के नाम पर रखा गया था, जिसे भगवान बलराम ने मारा था। पलंबासुर काफी ताकतवर असुर था जो पूरे क्षेत्र में तबाही मचा रहा था। उसके अंत के बाद इस क्षेत्र को पलंबपुर कहा गया, जो धीरे-धीरे पलवल बन गया। आज पलवल एक प्रमुख रेलवे स्टेशन और हरियाणा का अहम हिस्सा है।
5. तिरुचिरापल्ली भी आता है
तमिलनाडु का तिरुचिरापल्ली शहर राक्षस थिरिसिरन के नाम पर पड़ा है। थिरिसिरन एक ऐसा असुर था जिसने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी। कहा जाता है कि उसकी भक्ति इतनी मजबूत थी कि शिव ने उसे दर्शन दिए और वरदान भी दिया। उस दौर में इसे थिरि-सिकरपुरम कहा जाता था, जो कालांतर में तिरुचिरापल्ली बन गया। यह शहर आज तमिलनाडु का सांस्कृतिक और शैक्षिक केंद्र है।
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