Anger Management Tips: कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनके अंदर गुस्से का ज्वालामुखी हमेशा सुलगता रहता है। छोटी-सी बात से भी वे भड़क उठते हैं और आसपास के लोगों को अपनी आग में झोंक देते हैं। जिनका गुस्सा जल्दी भड़क जाता है और वे छोटी-छोटी बातों पर भी तिलमिला उठते हैं। यह अत्यधिक गुस्सा न केवल उनके रिश्तों के लिए हानिकारक है, बल्कि उनकी शारीरिक और मानसिक सेहत को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
ट्रिगर को पहचानना
गुस्से को नियंत्रित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है अपने गुस्से के ट्रिगर को पहचानना। जब आप जानते हैं कि आपको क्या गुस्सा दिलाता है, तो आप उन परिस्थितियों या लोगों से बचने या उनका सामना करने के लिए रणनीति विकसित करना शुरू कर सकते हैं। जब आपको गुस्सा आता है, तो ध्यान दें कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं और आपका शरीर कैसा प्रतिक्रिया दे रहा है। ये संकेत आपको यह समझने में मदद कर सकते हैं कि आपको क्या गुस्सा दिला रहा है। अपने विचारों को ट्रैक करें: जब आपको गुस्सा आता है, तो अपने विचारों पर ध्यान दें। आप क्या सोच रहे हैं? क्या आप नकारात्मक या तर्कहीन विचारों में फंसे हुए हैं? जब आपको गुस्सा आता है, तो सोचें कि आप कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। क्या आप चिल्लाते हैं, बहस करते हैं, या बंद हो जाते हैं?
ब्रेक लेना
जब हम गुस्से में होते हैं, तो हमारी सोचने की क्षमता कमजोर हो जाती है। हम तर्कहीन विचार करते हैं और अक्सर ऐसी बातें कह देते हैं या काम कर देते हैं जिनका हमें बाद में पछतावा होता है। इसलिए, जब आपको गुस्सा आए तो सबसे पहले एक ब्रेक लेना महत्वपूर्ण है। किसी शांत कमरे में जाएं, जहां आपको किसी से बात न करनी पड़े और आपको शांत होने का मौका मिल सके। धीमी और गहरी सांस लेने से आपका दिल धीमा होगा और आप शांत हो जाएंगे। एक गिलास ठंडा पानी पीने से आपको शांत होने में मदद मिलेगी। कोई ऐसी गतिविधि करें जो आपको पसंद हो, जैसे किताब पढ़ना, संगीत सुनना या प्रकृति में टहलना। यदि आप शांत महसूस कर रहे हैं, तो अपनी भावनाओं को किसी ऐसे व्यक्ति से व्यक्त करें जिस पर आप भरोसा करते हैं।
गहरी सांस लें
गुस्से में अक्सर हम कुछ भी बोल देते हैं, जिसका खामियाजा बाद में हमें ही भुगतना पड़ता है। इसलिए, जब आपको गुस्सा आए तो बोलने से पहले कुछ देर रुकना और सोचना महत्वपूर्ण है। धीमी और गहरी सांस लेने से आपका दिल धीमा होगा और आप शांत हो जाएंगे। इससे आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने और स्थिति का आकलन करने में मदद मिलेगी। क्या आप वास्तव में वही कहना चाहते हैं जो आप सोच रहे हैं? क्या यह कहने से स्थिति और खराब होगी? चिल्लाने या आरोप लगाने से बचें। अपनी बातों को स्पष्ट और संक्षिप्त रखें। वे कैसा महसूस कर रहे हैं? उनकी बातों को सुनने का प्रयास करें।
व्यायाम करना
गुस्सा एक सामान्य मानवीय भावना है, लेकिन जब यह अत्यधिक या अनियंत्रित हो जाता है, तो यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। नियमित व्यायाम तनाव कम करने, मूड में सुधार करने और क्रोध नियंत्रण को बेहतर बनाने का एक शानदार तरीका है। व्यायाम करने से कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन का स्तर कम होता है, जो गुस्से में योगदान करते हैं। व्यायाम एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे “हैप्पी हार्मोन” के स्तर को बढ़ाता है, जो मूड को बेहतर बनाते हैं और तनाव को कम करते हैं। व्यायाम आपको अधिक ऊर्जावान महसूस कराता है, जिससे आप थका हुआ या चिड़चिड़ा महसूस करने की संभावना कम हो जाती है। व्यायाम आपके ध्यान और एकाग्रता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, जिससे आप तनावपूर्ण स्थितियों को अधिक प्रभावी ढंग से संभाल सकते हैं। व्यायाम करने से आपके आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे आप अधिक सकारात्मक और आत्म-नियंत्रित महसूस कर सकते हैं।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।