अगर पढ़ लिए जया किशोरी जी के ये 3 मंत्र, तो रोक नहीं पाएगा कोई आपकी तरक्की

जया किशोरी जी के प्रवचन और भजन तो आपने कई बार सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने महाभारत से जुड़े 3 ऐसे खास मंत्र बताए हैं, जिन्हें अपनाने से इंसान की तरक्की की राह खुद-ब-खुद बन जाती है।

जया किशोरी जी भारत की मशहूर कथा वाचिका है। उनके करोड़ों चाहने वाले सोशल मीडिया पर उनसे जुड़े हुए हैं। उनकी बातें सुनकर लोग अपनी ज़िंदगी में कुछ अच्छा करने की प्रेरणा लेते। जया किशोरी जी (Jaya Kishori Quotes) देश के अलग अलग शहरों में कथा करती है, जहाँ लाखों लोग उनकी बातें सुनते ही आते हैं और उनकी बताए रास्ते पर चलने की कोशिश करते हैं।

हाल ही में जया किशोरी ने महाभारत के 3 ऐसी ख़ास मंत्र बताए हैं, जिनका पालन करने से हर कोई अपने जीवन में सही मार्ग चुन सकता है। इन मंत्रों का पालन करने से हर इंसान तरक़्क़ी और क़िस्मत दोनों को चमका सकता है। इन मंत्रों को अपनाकर इंसान अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता पा सकता है। आइए जानते हैं, आख़िर वो तीन मंत्र कौन-कौन से है।

बुरी संगत से बचना चाहिए

जया किशोरी के मुताबिक़ महाभारत हमें ज़िंदगी जीने का सही तरीक़ा सिखाती है। यह बात हमें श्रीमद्भागवत गीता पढ़कर समझ आ सकती है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गीता में बातें समझायी गई है जो हमारे बेहद काम आ सकती है। जया किशोरी कहती है कि महाभारत में जिस तरह कौरव शकुनि की बुरी संगत में पड़कर पांडवों के दुश्मन बन गए थे, वैसे ही हमें भी ग़लत लोगों की संगत से हमेशा बचकर रहना चाहिए। ग़लत लोग हमें हमेशा मुसीबत में डालते हैं और हमें अपनों से दूर कर देते हैं।

ज्यादा भावुक नहीं होना चाहिए

जया किशोरी कहती है कि इंसान का भावुक होना अच्छी बात है क्योंकि इससे उसके अंदर इंसानियत और दूसरों के प्रति प्यार बना रहता है। लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा भावुक होना नुकसानदायक हो सकता है, कई बार लोग इस बात का ग़लत फ़ायदा उठा लेते हैं। महाभारत भी हमें यही सिखाती है, की ज़िंदगी में दिल के साथ साथ दिमाग़ से सोचना भी ज़रूरी है। सही वक़्त पर सही फ़ैसला लेना ज़रूरी होता है वरना हालात हमारे हाथों से निकल जाते हैं।

श्री कृष्णा की तरह सकारात्मक सोच

जया किशोरी कहती है कि हमें हमेशा श्री कृष्णा की तरह सोच सकारात्मक रखनी चाहिए। जैसा शकुनि था, वैसी नकारात्मक सोच से हमें बचना चाहिए, क्यूँ की पूरी सूची इंसान को बर्बाद कर देती है। पांडवों ने भी अपने वनवास के दिनों में मुश्किलें झेली थी। उन्होंने इससे सबक़ लिया और वही उन्हें आगे युद्ध में काम आयी। वहीं धृतराष्ट्र अपनी संतान मोह में इतना अंधा हो गया था कि सही ग़लत देख ही नहीं पाया।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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