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Wed, Dec 17, 2025

अगर पढ़ लिए जया किशोरी जी के ये 3 मंत्र, तो रोक नहीं पाएगा कोई आपकी तरक्की

Written by:Bhawna Choubey
Published:
जया किशोरी जी के प्रवचन और भजन तो आपने कई बार सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने महाभारत से जुड़े 3 ऐसे खास मंत्र बताए हैं, जिन्हें अपनाने से इंसान की तरक्की की राह खुद-ब-खुद बन जाती है।
अगर पढ़ लिए जया किशोरी जी के ये 3 मंत्र, तो रोक नहीं पाएगा कोई आपकी तरक्की

जया किशोरी जी भारत की मशहूर कथा वाचिका है। उनके करोड़ों चाहने वाले सोशल मीडिया पर उनसे जुड़े हुए हैं। उनकी बातें सुनकर लोग अपनी ज़िंदगी में कुछ अच्छा करने की प्रेरणा लेते। जया किशोरी जी (Jaya Kishori Quotes) देश के अलग अलग शहरों में कथा करती है, जहाँ लाखों लोग उनकी बातें सुनते ही आते हैं और उनकी बताए रास्ते पर चलने की कोशिश करते हैं।

हाल ही में जया किशोरी ने महाभारत के 3 ऐसी ख़ास मंत्र बताए हैं, जिनका पालन करने से हर कोई अपने जीवन में सही मार्ग चुन सकता है। इन मंत्रों का पालन करने से हर इंसान तरक़्क़ी और क़िस्मत दोनों को चमका सकता है। इन मंत्रों को अपनाकर इंसान अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता पा सकता है। आइए जानते हैं, आख़िर वो तीन मंत्र कौन-कौन से है।

बुरी संगत से बचना चाहिए

जया किशोरी के मुताबिक़ महाभारत हमें ज़िंदगी जीने का सही तरीक़ा सिखाती है। यह बात हमें श्रीमद्भागवत गीता पढ़कर समझ आ सकती है। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गीता में बातें समझायी गई है जो हमारे बेहद काम आ सकती है। जया किशोरी कहती है कि महाभारत में जिस तरह कौरव शकुनि की बुरी संगत में पड़कर पांडवों के दुश्मन बन गए थे, वैसे ही हमें भी ग़लत लोगों की संगत से हमेशा बचकर रहना चाहिए। ग़लत लोग हमें हमेशा मुसीबत में डालते हैं और हमें अपनों से दूर कर देते हैं।

ज्यादा भावुक नहीं होना चाहिए

जया किशोरी कहती है कि इंसान का भावुक होना अच्छी बात है क्योंकि इससे उसके अंदर इंसानियत और दूसरों के प्रति प्यार बना रहता है। लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा भावुक होना नुकसानदायक हो सकता है, कई बार लोग इस बात का ग़लत फ़ायदा उठा लेते हैं। महाभारत भी हमें यही सिखाती है, की ज़िंदगी में दिल के साथ साथ दिमाग़ से सोचना भी ज़रूरी है। सही वक़्त पर सही फ़ैसला लेना ज़रूरी होता है वरना हालात हमारे हाथों से निकल जाते हैं।

श्री कृष्णा की तरह सकारात्मक सोच

जया किशोरी कहती है कि हमें हमेशा श्री कृष्णा की तरह सोच सकारात्मक रखनी चाहिए। जैसा शकुनि था, वैसी नकारात्मक सोच से हमें बचना चाहिए, क्यूँ की पूरी सूची इंसान को बर्बाद कर देती है। पांडवों ने भी अपने वनवास के दिनों में मुश्किलें झेली थी। उन्होंने इससे सबक़ लिया और वही उन्हें आगे युद्ध में काम आयी। वहीं धृतराष्ट्र अपनी संतान मोह में इतना अंधा हो गया था कि सही ग़लत देख ही नहीं पाया।