कई बार सबसे ज़्यादा मानसिक तनाव हमें अपने ही घर या रिश्तेदारों से मिलता है। ये लोग बार-बार ताने मारते हैं, आपकी तुलना दूसरों से करते हैं और हर फैसले पर सवाल उठाते हैं। ऐसे रिश्तेदार धीरे-धीरे आपकी आत्मविश्वास और मानसिक शांति को अंदर से खोखला कर देते हैं।
मोटिवेशनल स्पीकर और प्रसिद्ध कथा वाचक जया किशोरी (Jaya Kishori) ने हाल ही में ऐसे टॉक्सिक रिश्तों को लेकर कुछ जरूरी बातें साझा की हैं। उनकी बातों में न सिर्फ सच्चाई है, बल्कि आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में ये सुझाव हर किसी के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

कौन होते हैं टॉक्सिक रिश्तेदार?
टॉक्सिक रिश्तेदार वे होते हैं जो आपकी भावनाओं को कमज़ोर करते हैं, आपके आत्मविश्वास को गिराते हैं और हर बात में नेगेटिविटी फैलाते हैं। ये लोग आपके भले की आड़ में आपको मानसिक रूप से थका देते हैं। जया किशोरी कहती हैं कि ऐसे लोगों को पहचानना और उनसे निपटने की समझ होना बहुत ज़रूरी है, वरना ये आपकी खुशहाल ज़िंदगी को जहरीला बना सकते हैं।
1. खुद को दोषी न समझें
जया किशोरी कहती हैं कि अगर कोई रिश्तेदार बार-बार आपको नीचा दिखाता है, ताने मारता है या आपकी मेहनत का मज़ाक बनाता है, तो उसका बर्ताव आपकी गलती नहीं है। ऐसे में खुद को दोष देना बंद करें। हमारी संस्कृति में सिखाया जाता है कि रिश्ते निभाने होते हैं, पर जब वो रिश्ते ही ज़हर बन जाएं तो दूरी बनाना ही समझदारी है। आपका पहला कर्तव्य है, खुद की मानसिक शांति को बनाए रखना। यह बिल्कुल गलत नहीं है कि आप खुद को प्राथमिकता दें और उन रिश्तों से दूरी बनाएं जो आपको दुख पहुंचाते हैं।
2. सीमाएं तय करें
जया किशोरी का दूसरा मंत्र है, “सीमाएं तय कीजिए।” अगर कोई रिश्तेदार बार-बार आपकी निजी ज़िंदगी में दखल देता है या आपकी पसंद-नापसंद पर टिप्पणी करता है, तो समय आ गया है कि आप एक सख्त लाइन खींचें। ना कहने की कला सीखना बहुत ज़रूरी है। शुरू में मुश्किल ज़रूर लगता है लेकिन जब आप अपनी सीमाएं तय करते हैं, तो लोग धीरे-धीरे आपकी स्पेस का सम्मान करना शुरू कर देते हैं। इससे रिश्ते भी बचे रहते हैं और आपकी शांति भी।
3. प्रतिक्रिया देने से पहले सोचें
टॉक्सिक रिश्तेदार अक्सर आपकी प्रतिक्रिया चाहते हैं ताकि वे अपनी बात को और बढ़ा सकें। जया किशोरी कहती हैं कि “हर बात का जवाब देना ज़रूरी नहीं होता।” कभी-कभी चुप रह जाना ही सबसे बड़ा जवाब होता है। जब कोई आपको उकसाने की कोशिश करे, तो गहरी सांस लीजिए और सोचिए, क्या वाकई इसकी ज़रूरत है? अपनी ऊर्जा उन चीजों पर खर्च कीजिए जो आपके जीवन में पॉज़िटिविटी लाती हैं।
4. खुद को व्यस्त रखें
टॉक्सिक लोगों से निपटना आसान नहीं है, लेकिन खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाकर ये लड़ाई जीती जा सकती है। इसके लिए खुद को पॉज़िटिव माहौल में रखें, अच्छे लोगों के साथ वक्त बिताएं, प्रेरणादायक किताबें पढ़ें और खुद के लिए समय निकालें। जया किशोरी खुद भी मेडिटेशन, भजन और अध्यात्म के ज़रिए अपने मन को शांत रखने की सलाह देती हैं। जब आप अंदर से मज़बूत होंगे, तो कोई भी आपको आसानी से हिला नहीं पाएगा।
5. माफ करें लेकिन दूरी बनाए रखें
माफ करना इंसान को हल्का करता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप फिर से वही ज़हर पीने जाएं। जया किशोरी कहती हैं, “माफ कर दीजिए, लेकिन वही गलती दोबारा न दोहराएं।” कुछ रिश्तों से भावनात्मक रूप से दूरी बनाना ज़रूरी हो जाता है, खासकर तब जब वो बार-बार आपकी ज़िंदगी में जहर घोलते हों। इसका मतलब यह नहीं कि आप बुरे है, इसका मतलब है कि आप खुद से प्यार करते हैं और अपने जीवन को महत्व देते हैं।
टॉक्सिक रिश्तेदारों से निपटने के लिए आत्मनिर्भर बनें
अगर आप बार-बार खुद को इन रिश्तों में फंसा हुआ महसूस करते हैं, तो जरूरी है कि आप खुद को आत्मनिर्भर बनाएं। जब आप भावनात्मक, मानसिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनते हैं, तो कोई भी आपके आत्म-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचा सकता।
टॉक्सिक रिश्तेदारों की वजह से अगर आपकी प्रोफेशनल या पर्सनल लाइफ प्रभावित हो रही है, तो इसका समाधान भी आपके ही पास है। खुद को समय दीजिए, अपने लक्ष्य तय कीजिए और हर दिन खुद को बेहतर बनाने की कोशिश कीजिए।
जया किशोरी की बातों से क्या सीख मिलती है?
जया किशोरी सिर्फ एक कथा वाचक नहीं, बल्कि आज की युवा पीढ़ी की मानसिक गाइड बन चुकी हैं। उनके बताए ये 5 तरीके न सिर्फ टॉक्सिक रिश्तेदारों से निपटने में मदद करते हैं, बल्कि आपके जीवन को एक नया संतुलन भी देते हैं। उनकी सीख है कि “आप दूसरों को नहीं बदल सकते, लेकिन खुद को मजबूत जरूर बना सकते हैं।” रिश्ते जरूरी हैं लेकिन वो रिश्ते जो आपको तोड़ते हैं, उनसे बचना भी उतना ही जरूरी है।