Jaya Kishori: प्रसिद्ध कथाकार और आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरी के विचार न केवल हमारे मन को शांति प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन को सही तरीक़े से जीने में मदद करते हैं। सोशल मीडिया पर जया किशोरी के विचारों का वीडियो वायरल होता रहता है, न सिर्फ़ बड़े लोग बल्कि बच्चे भी उनकी बातों को सुनना बहुत पसंद करते हैं। जया किशोरी की शिक्षाएं सरल, और जीवन के हर पहलू को छूने वाली होती है।
जो लोग अपने जीवन में मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं, उन लोगों के लिए जया किशोरी के प्रेरणादायक विचार बहुत मददगार साबित होते हैं। जया किशोरी के विचारों से हमें यह सीखने को मिलता है कि जब हम ज़िंदगी में हिम्मत हार जाते हैं तो हमें कैसे इस परिस्थिति से निकलना चाहिए। चलिए जानते हैं इस बारे में जया किशोरी क्या कहती है।

जीवन की उलझनों का एक ही समाधान – श्रीमद्भगवद गीता
जया किशोरी कहती है कि व्यक्ति के जीवन में आने वाली अधिकतर समस्याएं भ्रम और कन्फ्यूजन का परिणाम होती है। चाहे वह करियर को लेकर कन्फ्यूजन हो या फिर रिश्तों में उलझन हो, या फिर परिवार और व्यक्तिगत विचारों में मतभेद, इन सभी का एकमात्र समाधान है श्रीमद्भागवत गीता। गीता कि उपदेश व्यक्ति को जीवन की सच्चाई से परिचित कराते हैं, और हर स्थिति में सही निर्णय लेने की प्रेरणा देते हैं।
जीवन का सही मार्गदर्शन और आत्मशांति का स्रोत
गीता एक ऐसा ग्रंथ है, जो ना केवल जीवन की गहन सवालों के जवाब देता है, बल्कि मनुष्य को सही राह दिखाने का काम भी करता है। गीता में बताए गए कर्म, भक्ति और विज्ञान के सिद्धान्त व्यक्ति को न केवल आत्मविश्वास और मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि उसे जीवन के हर मोड़ पर सही निर्णय लेने की प्रेरणा भी देते हैं।
गीता को जीवन का मार्गदर्शक माना जाता है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए हैं, बिहार व्यक्तियों के लिए ज़रूरी है। किताब में बताईं के सिद्धांत जीवन के हर पहलू को छूते हैं, चाहे वह कर्म हो, धर्म हो या फिर मोक्ष की प्राप्ति हो। गीता का सबसे बड़ा संदेश यह है कि व्यक्ति को हर स्थिति में धर्म और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए।
करियर में उलझन
करियर को लेकर अक्सर व्यक्ति भ्रमित हो जाता है। उसे समझ नहीं आता कि किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। ऐसे में गीता का संदेश है कि व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए । हमें अपना काम पूरी ईमानदारी और मेहनत से करना चाहिए। गीता में कहा गया है कि सफलता और असफलता, ख़ुशी और दुख, लाभ और हानि ये सब जीवन के दो पहलू है। इससे डरने या घबराने की ज़रूरत नहीं है। हमें बस अपना कर्म करते रहना चाहिए, बिना किसी लालच और डर के।
पारिवारिक मतभेद सुलझाने की कुंजी
परिवार में विचारों का टकराव या मतभेद होना बेहद आम बात है। हर व्यक्ति का अपना नज़रिया और सोच होती है, जिसके कारण कभी कभी तनाव पैदा हो जाता है। लेकिन ऐसे समय में गीता का ज्ञान हमें सहनशीलता, धैर्य और सही दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देता है। जिया किशोरी कहती है कि जब हम गीता के संदेशों को अपने जीवन में उतारते हैं, तो हमारे अंदर धैर्य और समझदारी बढ़ती है। गीता हमें यह सिखाती है, कि हमें अहंकार और जिद को छोड़कर दूसरों की भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए।