Wed, Dec 24, 2025

जया किशोरी खाती हैं इस खास आटे की रोटी! जानिए क्यों छोड़ दी उन्होंने गेहूं की रोटी?

Written by:Bhawna Choubey
Published:
जया किशोरी अपनी आध्यात्मिक बातों के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए भी जानी जाती हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वो गेहूं की जगह किस स्पेशल आटे से बनी रोटी खाती हैं और इसके पीछे की वजह भी बड़ी दिलचस्प है।
जया किशोरी खाती हैं इस खास आटे की रोटी! जानिए क्यों छोड़ दी उन्होंने गेहूं की रोटी?

भजन सम्राज्ञी जया किशोरी (Jaya Kishori) सिर्फ अपने प्रवचनों और भजनों के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी सादगी और फिटनेस के लिए भी जानी जाती हैं। लाखों लोग उन्हें आध्यात्मिक मार्गदर्शक मानते हैं, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि वो अपनी डाइट को लेकर कितनी सजग रहती हैं। सोशल मीडिया पर जब भी वो दिखती हैं, तो उनके चेहरे की चमक और एनर्जी खुद बयां करती है कि उनकी लाइफस्टाइल कितनी बैलेंस्ड है।

हाल ही में जया किशोरी ने एक इंटरव्यू में अपनी डाइट को लेकर ऐसी बात बताई, जिसने सभी का ध्यान खींचा। उन्होंने बताया कि वो गेहूं की नहीं, बल्कि बाजरे के आटे की रोटी खाती हैं। इसके पीछे सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि सेहत से जुड़ी खास वजह है। आखिर क्यों जया किशोरी ने गेहूं को छोड़कर इस देसी अनाज को अपनाया? चलिए जानते हैं इसकी खासियत।

जया किशोरी क्यों खाती हैं बाजरे से बनी रोटी?

जया किशोरी ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वो पिछले कुछ समय से बाजरे के आटे की रोटी खा रही हैं। उनका मानना है कि बाजरा पेट के लिए हल्का होता है, डायजेशन को बेहतर बनाता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता। साथ ही इसमें ग्लूटेन नहीं होता, जो आजकल कई लोगों के लिए हेल्थ इशू बन गया है।

डायटीशियंस भी बाजरे की रोटी को हेल्दी मानते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो डायबिटीज या थायराइड जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। जया किशोरी का कहना है कि जब उन्होंने गेहूं छोड़कर बाजरे की रोटी खाना शुरू किया, तो उन्हें हल्कापन महसूस होने लगा और एनर्जी भी बढ़ी।

सेहत को लेकर सजग हैं जया किशोरी

जया किशोरी सिर्फ अपने प्रवचनों के लिए नहीं, बल्कि अपनी फिटनेस के लिए भी काफी डिसिप्लिन में रहती हैं। वो रोज़ योग और प्राणायाम करती हैं, साथ ही खाने-पीने में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरततीं।

उनका मानना है कि आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए पहले शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना ज़रूरी है। इसी वजह से उन्होंने अपनी डाइट में बहुत से बदलाव किए, जिसमें से बाजरे की रोटी शामिल करना एक बड़ा कदम था। उनका यह हेल्थी चॉइस युवाओं के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

बाजरे की बढ़ती पॉपुलैरिटी

बाजरे को पहले गांवों तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब शहरों में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है इसका न्यूट्रिशन वैल्यू। आज की लाइफस्टाइल में जहां लोग कब्ज, मोटापा और ब्लड शुगर जैसी समस्याओं से परेशान हैं, वहीं बाजरे का सेवन एक आसान और देसी समाधान बनकर उभर रहा है।

सरकार भी अब मिलेट्स यानी मोटे अनाज को प्रमोट कर रही है और ‘इंटरनेशनल मिलेट ईयर’ मनाने की पहल हो चुकी है। ऐसे में जया किशोरी जैसी हस्तियों का इस ओर रुझान लोगों को जागरूक कर सकता है।