क्यों जरूरी है पैसा और मानसिक शांति, जानें इस बारें में क्या कहती हैं जया किशोरी

जया किशोरी कहती हैं कि सच्ची स्वतंत्रता सिर्फ बाहरी सफलता में नहीं, बल्कि मानसिक शांति, आर्थिक स्थिति और आध्यात्मिक आज़ादी में भी है। इन तीनों का संतुलन ही जीवन को बेहतर बनाता है।

Bhawna Choubey
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सोशल मीडिया पर जया किशोरी जी की फ़ोटो और वीडियो वायरल होते रहते हैं। वे अपने ज्ञान से लोगों को सही मार्गदर्शन दिखाती है, लोगों की मन की उलझनों को सुलझाती हैं। यही कारण है कि अधिकांश लोगों को जया किशोरी जी की बातें सुनना अच्छा लगता है, लोग न सिर्फ़ उनकी बातें सुनते हैं बल्कि उन्हें अपनी ज़िंदगी में उतारते भी है।

जया किशोरी जी ने अपने सरल प्रभावशाली प्रवचनों से लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है। जय किशोरी जी बताती है कि हर व्यक्ति को आर्थिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से स्वतंत्र होना चाहिए। वे ऐसा क्यों कहती है उसके बारे में हम आपको इस आर्टिकल में विस्तार से बताएंगे, किशोरी जी के ये विचार जीवन की ज़िम्मेदारी ख़ुद लेने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करते हैं।

आर्थिक स्वतंत्रता होनी चाहिए (Jaya Kishori Quotes)

जया किशोरी जी कहती है कि हर व्यक्ति के पास अपनी आर्थिक स्वतंत्रता होनी चाहिए, जिससे कि उन्हें किसी के ऊपर निर्भर न रहना पड़े। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना जीवन में स्थिरता लाता है, जब व्यक्ति आर्थिक रूप से स्वतंत्र होता है और वह किसी और के ऊपर निर्भर नहीं होता है तो वह अपने फ़ैसले ख़ुद लेने की हिम्मत रखता है, अपनी हर एक छोटी से बड़ी ज़रूरतों को पूरा करने की क्षमता रखता है।

भावनात्मक स्वतंत्रता भी जरुरी

जिया किशोरी जी कहती है की ज़रूरी नहीं है आज जो इंसान हमारे पास से वह कल भी हो, इसलिए भावनात्मक स्वतंत्रता भी उतनी ही ज़रूरी है जितनी आर्थिक स्वतंत्रता। जब आप अपने सुख दुख को स्वयं समझ लेते हैं, जब आपको अपने सुख दुख में किसी और की ज़रूरत नहीं पड़ती है, तब आप एक मज़बूत इंसान बन जाते हैं। कभी भी अपना भावनात्मक बोझ किसी और पर नहीं डालना चाहिए, ख़ुद के सुख और दुख से ख़ुद को ही निपटना चाहिए।

आत्मा की शांति से ही मिलता है असली सुख

जया किशोरी जी कहती है कि, आत्मा की शांति बहुत ज़रूरी है। जब आप स्वयं को गहराई से समझते हैं, जब आप अपने ख़ुद के साथ जुड़ जाते हैं, अब आपको बाहरी ख़ुशी और बाहरी दिखावे से कोई मतलब नहीं होता है। आप अपने मन को आसानी से कंट्रोल कर पाते हैं, और अपने जीवन के असली सुख को पहचान पाते हैं।

भावनाएँ शेयर करें, पर निर्भर न रहें

जया किशोरी जी कहती है कि इंसान के अंदर कई तरह की भावनाएँ होती है, जैसे सुख, दुख, सफलता, दर्द आदि। अपनी इन भावनाओं को दूसरों के साथ शेयर करना ग़लत नहीं है, लेकिन हद से ज़्यादा शेयर करना और फिर दूसरों के ऊपर निर्भर हो जाना बहुत ग़लत है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के पास जब भी कोई परेशानी आती है तो वह उसका समाधान ढूंढने के लिए लोगों की मदद की आस लगाता रहता है। इसलिए कभी भी किसी पर पूरी तरह से निर्भर नहीं होना चाहिए।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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