जया किशोरी जी को लोग सिर्फ भक्ति कथाओं और मोटिवेशनल स्पीच के लिए नहीं जानते, बल्कि उनकी फिटनेस और पॉजिटिव एनर्जी भी लोगों को खूब इंस्पायर करती है। चाहे मंच पर हो या सोशल मीडिया पर, उनकी एनर्जी देखते ही बनती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे क्या सीक्रेट है?
असल में, जया किशोरी जी का हेल्दी लाइफस्टाइल उनके हर दिन की छोटी-छोटी आदतों से जुड़ा है। और ये ऐसी बातें हैं जिन्हें आप भी अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

योग और मेडिटेशन से मिलती है पॉजिटिव एनर्जी
जया किशोरी हर दिन योग और ध्यान को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाती हैं। उनका मानना है कि मानसिक शांति ही असली फिटनेस है। योग से ना सिर्फ शरीर लचीला रहता है बल्कि ध्यान से मन भी स्थिर होता है। वे अक्सर कहती हैं, “जो भीतर से शांत होता है, वही बाहर से स्ट्रॉन्ग नजर आता है।” उनका यह रूटीन न केवल तनाव कम करता है, बल्कि मानसिक थकान को भी दूर करता है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में ये एक ज़रूरी आदत बन चुकी है, जिसे अपनाकर हर कोई न केवल फिट बल्कि खुशहाल भी रह सकता है।
सात्विक और समय पर खाना है उनकी सेहत का आधार
फास्ट फूड और जंक खाने से दूर रहने वाली जया किशोरी जी का फोकस हमेशा सात्विक भोजन पर रहता है। उनके खाने में ताजे फल, सब्ज़ियां, सूखे मेवे और हल्का खाना शामिल होता है। वो इस बात पर ज़ोर देती हैं कि खाना शरीर का ईंधन है, और जैसा खाओगे वैसा ही शरीर चलेगा। साथ ही, उनका नियम है, समय पर खाना। यानी ना लेट नाइट डिनर और ना ही खाने के बीच लंबा गैप। इससे पाचन भी अच्छा रहता है और एनर्जी बनी रहती है।
डेली रूटीन में अनुशासन है सबसे बड़ी कुंजी
जया किशोरी जी का पूरा दिन एक निश्चित रूटीन पर चलता है, सुबह जल्दी उठना, मेडिटेशन, फिर काम और रात को समय पर सोना। उनका कहना है कि शरीर और मन को फिट रखने के लिए एक अनुशासित दिनचर्या सबसे जरूरी है। इस रूटीन की वजह से उनका शरीर और मन दोनों एक संतुलन में रहते हैं, जो उनके काम और पर्सनल लाइफ दोनों में दिखाई देता है।
पॉजिटिव सोच और कम्युनिकेशन से भी मिलती है एनर्जी
फिटनेस सिर्फ फिज़िकल नहीं, मेंटल भी होती है। जया किशोरी जी मानती हैं कि पॉजिटिव सोच और अच्छे लोगों से बातचीत हमें मानसिक रूप से मज़बूत बनाती है। उनकी स्पीचेज़ में हम अक्सर सुनते हैं, “जैसी सोच, वैसी शक्ति।” जब आप अच्छा सोचते हैं, तो शरीर खुद ही एक्टिव रहता है। इसलिए वो निगेटिव माहौल और नकारात्मक बातों से दूर रहना पसंद करती हैं। आप भी ये ट्राय कर सकते हैं, दिनभर कुछ अच्छा पढ़िए, सुनिए और बोलिए, फर्क खुद दिखेगा।
प्राकृतिक जीवनशैली और डिजिटल डिटॉक्स से रहता है बैलेंस
जया किशोरी जी जरूरत से ज़्यादा मोबाइल या टीवी का इस्तेमाल नहीं करतीं। उनका मानना है कि स्क्रीन से जितना दूर रहोगे, उतनी ही अच्छी नींद और मानसिक शांति मिलेगी। इसके अलावा, वो अक्सर नेचर के करीब रहना पसंद करती हैं, चाहे वो गार्डनिंग हो या ओपन वॉक। ये छोटी-छोटी बातें भी हेल्थ को पॉजिटिवली अफेक्ट करती हैं। डिजिटल डिटॉक्स और नेचर के साथ समय बिताना आज की हेल्थ के लिए एक ज़रूरी बदलाव बन चुका है।