आजकल जब सोशल मीडिया पर हर दिन किसी को ट्रोल किया जाता है, ऐसे में जया किशोरी (Jaya Kishori) जैसे संतों की बातें एक सुकून देती हैं। उनके विचार न सिर्फ आध्यात्मिक होते हैं, बल्कि बेहद प्रैक्टिकल भी हैं। खासकर जब बात आती है जुबान और सोच पर कंट्रोल की, तो उनके शब्द सीधे ज़िंदगी के उन हिस्सों को छूते हैं, जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
जया किशोरी कहती हैं, “हर शब्द में दया और करुणा होनी चाहिए, क्योंकि जुबान से निकली बात कभी वापस नहीं आती।” यही बात आज के दौर में सबसे ज्यादा ज़रूरी है, जब लोग बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देते हैं। उनका मानना है कि इंसान की असली पहचान उसकी वाणी होती है, न कि उसके कपड़े या शोहरत। उनके विचारों से हमें ये सीख मिलती है कि शब्दों का सही इस्तेमाल ही आपको सच्चा इंसान बनाता है।
जुबान पर नियंत्रण क्यों ज़रूरी है
जया किशोरी का कहना है कि जुबान को वश में रखना हर इंसान के लिए ज़रूरी है। अगर आपके शब्दों में मिठास होगी तो दुश्मन भी दोस्त बन जाएगा। उनके अनुसार, जुबान से निकली एक बात रिश्ते बना भी सकती है और बिगाड़ भी सकती है। वो ये भी कहती हैं कि अक्सर गुस्से या ईगो में लोग ऐसी बातें बोल देते हैं, जिनका पछतावा जिंदगी भर रहता है। इसलिए उन्होंने युवाओं को सलाह दी है कि सोच-समझकर बोलें, क्योंकि शब्द हथियार से ज्यादा असरदार होते हैं।
जया किशोरी के प्रवचनों में कई बार यह भी कहा गया है कि अगर आप अपने शब्दों से किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं, तो वही असली सेवा है। ये विचार खासतौर पर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जहां लोग एक-दूसरे को सिर्फ शब्दों से नीचा दिखाने में लगे हैं।
जया किशोरी के प्रेरणादायक कोट्स
“आपके शब्द आपकी सोच के दर्पण हैं। सोच अच्छी होगी तो जुबान खुद-ब-खुद मीठी होगी।”
“जिंदगी में रिश्तों को तोड़ना आसान है, लेकिन जोड़ने के लिए जुबान पर कंट्रोल चाहिए।”
“गुस्सा हमेशा आपको खुद नुकसान पहुंचाता है, दूसरों को नहीं।”
“सच्चा इंसान वो नहीं जो ज्यादा बोलता है, बल्कि वो है जो सही वक्त पर सही बात कहता है।”
“दया और करुणा से भरे शब्द दूसरों के दिल तक पहुंचते हैं – यही असली सेवा है।”





