अब मंज़िल की टेंशन छोड़िए, सफर को खूबसूरत बनाइए, पढ़िए जया किशोरी के एक से बढ़कर एक विचार

Jaya Kishori: जया किशोरी के मोटिवेशनल कोट्स आज लाखों लोगों की सोच बदल रहे हैं। उनका ये खास संदेश है, मंज़िल की चिंता मत करो, सफर को एंजॉय करो। जानिए क्यों उनका ये विचार आज की लाइफस्टाइल के लिए एकदम ज़रूरी बन गया है।

भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हर कोई बस एक ही चीज़ के पीछे भाग रहा है, मंज़िल। लेकिन जया किशोरी (Jaya Kishori) का कहना है कि अगर सफर ही बोझ बन जाए, तो मंज़िल में भी खुशी नहीं मिलती। यही सोच उनके मोटिवेशनल कोट्स में भी झलकती है, जो आज के यूथ को गहराई से छू रहे हैं।

जया किशोरी ना सिर्फ एक धार्मिक वक्ता हैं, बल्कि एक यूथ आइकन भी बन चुकी हैं। उनके मोटिवेशनल कोट्स सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते हैं। हाल ही में उनका एक कोट खूब चर्चा में है, मंज़िल की चिंता मत करो, अपने सफर को खूबसूरत बनाओ।” इस बात में गहरी सीख है, जब हम सिर्फ नतीजों पर फोकस करते हैं, तो रास्ते की खूबसूरती खो देते हैं। जया किशोरी का मानना है कि हर कदम का मज़ा लेना ही असली सफलता है।

जया किशोरी के कोट्स

जया किशोरी की खासियत है उनका सरल और सीधा संवाद। उनके कहे गए शब्द ज़िंदगी के असल स्ट्रगल्स से जुड़े होते हैं। उनकी बातें ना सिर्फ धार्मिक, बल्कि व्यवहारिक भी होती हैं। यही वजह है कि आज की जनरेशन भी उनसे जुड़ रही है।

जैसे उनका यह कोट्स, “जो आपके सफर में साथ न चले, उसे मन से थैंक यू करें और आगे बढ़ें।”, यह सीधी बात दिल को छूती है। उनकी प्रेरणा सिर्फ मंदिर या कथा तक सीमित नहीं है, बल्कि रोज़मर्रा की जिंदगी को बेहतर बनाने की बात करती है।

क्यों जरूरी है ‘मंज़िल’ के बजाय ‘सफर’ पर ध्यान देना?

आज की लाइफस्टाइल में लोग इतने बिज़ी हो गए हैं कि वो सिर्फ टारगेट्स को हासिल करने में लगे हैं, चाहे वो जॉब हो, रिलेशनशिप हो या पर्सनल गोल्स। ऐसे में सफर यानी प्रोसेस बोरिंग और थकाऊ लगने लगता है। जया किशोरी का ये कोट्स एक रियलिटी चेक की तरह है। ये याद दिलाता है कि अगर रास्ता ही नीरस होगा, तो मंज़िल भी अधूरी लगेगी। अपने हर दिन को माइने देना, हर छोटी उपलब्धि को सेलिब्रेट करना ही असली जर्नी है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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