धन-दौलत नहीं, असली माया कुछ और है, जानिए जया किशोरी का नजरिया

जया किशोरी का ये वायरल वीडियो बताता है कि माया सिर्फ दिखावे या संपत्ति का नाम नहीं, बल्कि कुछ ऐसा है जो इंसान को असली रास्ते से भटका देता है। अगर आप भी सोचते हैं कि माया का मतलब बस पैसे और रिश्ते हैं, तो ज़रूर जानिए उनकी गहराई से भरी ये बात।

कभी आपने सोचा है कि माया क्या होती है? क्या ये सिर्फ दौलत, रिश्ते या आकर्षण तक सीमित है? सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे जया किशोरी (Jaya Kishori) के एक वीडियो में उन्होंने ‘माया’ की ऐसी परिभाषा दी है, जिसे सुनकर हर कोई कुछ पल के लिए रुक गया। उनके शब्दों में सच्चाई है, जो सीधे दिल और ज़िंदगी से जुड़ती है।

जया किशोरी, जिन्हें आज की पीढ़ी ‘मोतीलाल की राधा’ और ‘युवा संत’ के नाम से जानती है, अक्सर अपने प्रवचनों और विचारों से लोगों के जीवन को दिशा देती हैं। इस बार उन्होंने ‘माया’ को लेकर जो बातें कही हैं, वह न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि आज की भागती दुनिया में भी बेहद प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा, “माया वो नहीं है जो दिखती है, माया वो है जो दिखने नहीं देती।” यानी माया वो परछाई है जो हमें सच्चाई से दूर ले जाती है, और भ्रम का पर्दा बना देती है।

माया का असली मतलब

जब हम माया की बात करते हैं, तो अक्सर हमारे दिमाग में धन-दौलत, रिश्ते, शोहरत जैसे शब्द आते हैं। लेकिन जया किशोरी के मुताबिक, माया का मतलब किसी भी ऐसी चीज़ से है जो हमें आत्मा के असली स्वरूप से भटका दे। उन्होंने समझाया कि ये माया ही है जो हमें क्रोध, लालच, अहंकार और ईर्ष्या की ओर ले जाती है। चाहे वो सोशल मीडिया पर तुलना हो, या रिश्तों में जरूरत से ज्यादा उम्मीदें, हर वो चीज़ जो हमें अंदर से तोड़ती है, वो माया बन जाती है। उनका कहना है कि लोग आजकल अपने जीवन की असली दिशा भूलकर, बाहरी चमक-धमक के पीछे भाग रहे हैं। और यही असली माया है, दिखावे में सच्चाई को खो देना।

क्या माया से बचा जा सकता है? समाधान क्या है?

जया किशोरी ने न सिर्फ माया की पहचान करवाई, बल्कि उससे बचने का तरीका भी बताया। उनका कहना है कि अगर इंसान खुद की पहचान, अपने कर्म और आत्मा से जुड़ा रहे, तो माया का पर्दा हट सकता है। उन्होंने ध्यान, सेवा, और सच्ची भक्ति को माया से बाहर निकलने का रास्ता बताया।

आज जब हर कोई सोशल मीडिया, प्रतिस्पर्धा और दिखावे की दौड़ में उलझा है, ऐसे में उनका यह संदेश एक रियलिटी चेक जैसा है। उन्होंने यह भी कहा कि ध्यान रखो, माया तुम्हें सिर्फ दुनिया दिखाएगी, खुद को नहीं।” यह बात हर किसी को अपने जीवन में कहीं न कहीं झकझोरती है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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