सिर्फ प्यार काफी नहीं होता, रिश्ते निभाने के लिए चाहिए…. पढ़ें Jaya Kishori के विचार

रिश्ते निभाना सिर्फ साथ रहने का नाम नहीं होता, बल्कि एक ऐसी कला है जिसमें प्यार, सम्मान और समझदारी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में अक्सर हम ये छोटी-छोटी बातें भूल जाते हैं, जो किसी भी रिश्ते की बुनियाद होती हैं।

जया किशोरी एक जानी मानी मोटिवेशनल स्पीकर और भजन गायिका है, उन्हें सत्य विचार, मधुर भजन और जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ने वाली सिखों के लिए देशभर में जाना जाता है। छोटी उम्र में ही जया किशोरी ने आध्यात्मिक और संस्कारों की राह पर चलना शुरू किया और आज उनकी बातें युवाओं से लेकर बुजुर्गो तक के दिलों को छू जाती है।

आपको बता दें, जया किशोरी ना सिर्फ़ भक्ति की भावना जगाती है, बल्कि वे रिश्तों, जीवन और आत्म निर्भरता को लेकर भी गहरी सीख देती है। जया किशोरी की बातों को सुनकर बहुत लोगों के मन में चल रही उलझने सुलझ जाती है। ऐसा ही अब एक बार जया किशोरी ने बताया, रिश्तों को मज़बूत करने के लिए सिर्फ़ प्यार तो ज़रूरी होता ही है लेकिन इसके अलावा और भी ऐसी चीज़ें हैं जो रिश्तों को मज़बूत बनाने में मदद करती है।

क्या आत्मनिर्भर होना ही सब कुछ है?

जया किशोरी कहती है कि आज कल हर कोई अपनी ज़िंदगी में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहा है। लोग चाहते हैं कि वो पैसे कमाए और अपने पैरों पर खड़े हो, जो कि बिलकुल सही भी है। लेकिन उनका मानना है कि जब हम सब आत्मनिर्भर हो जाएंगे और हमारे पास पैसे और सुविधाएँ होंगी तब असली ख़ुशी सिर्फ़ इन चीज़ों से नहीं मिलेगी। अब हमारे रिश्तों में प्यार, भावनाएँ और एक दूसरे के लिए सम्मान ही हमारे जीवन को सच्चे मायने में ख़ूबसूरत बनाएंगे।

क्या रिश्तों में सिर्फ़ प्यार काफी है?

जया किशोरी कहती है कि प्यार एक वो एहसास है जो किसी भी रिश्ते को ख़ास बनाता है। अगर किसी रिश्ते में प्यार नहीं है, तो वो बस एक दिखावा बनकर रह जाता है। लेकिन क्या रिश्ते में प्यार ही काफ़ी है, प्यार के अलावा एक रिश्ते में सम्मान, और विश्वास भी उतना ही ज़रूरी है। ये चीज़ें रिश्तों को मज़बूत बनाने में मदद करती है।

क्या भावनाओं की समझ रिश्तों को बचा सकती है?

जया किशोरी कहती है कि भावनाएं दो लोगों के दिलों को जोड़ने का काम करती है। जब हम अपने अपने क़रीबी लोगों की भावनाओं को समझते हैं, तो रिश्तों में गलतफहमियों की जगह ही नहीं बचती। वे कहती हैं कि अगर हम सामने वाले की भावनाओं की क़दर करेंगे तो रिश्ता और भी मज़बूत और गहरा बन जाएगा।

 


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Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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