Jaya Kishori ने बताया किन 3 स्थितियों में रहना चाहिए चुप, आप भी जानें

ज़िंदगी में कई बार ऐसा वक्त आता है जब चुप रह जाना ही सबसे समझदारी भरा फैसला होता है। बात चाहे रिश्तों की हो या मुश्किल हालात की, हर जगह बोलना जरूरी नहीं होता। जया किशोरी जी ने भी अपने प्रवचन में बताया है कि इंसान को किन 4 खास परिस्थितियों में बिल्कुल शांत रहना चाहिए।

जया किशोरी आज के समय में कितना नाम बन चुकी है जिनकी बातों में सुकून और जीवन को बदलने की सीख भी। भक्ति संगीत हो या मोटिवेशनल स्पीच, जया अपनी आवाज़ और सोच से लोगों के दिलों को छू जाती है। उनका प्रवचन न सिर्फ़ अध्यात्म से जोड़ता है बल्कि से उलझे सवालों का भी हल दिखाता है।

महज कम उम्र में उन्होंने जिस तरह से आध्यात्मिक और समाज सेवा का रास्ता चुना वह आज की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। उनके विचार, कहानियां और सिख हर उम्र के व्यक्ति को कुछ नया सिखा जाती है, अब इस बार जया किशोरी ने कुछ ऐसा कहा है जो हर एक व्यक्ति को जानना चाहिए। जया किशोरी बताती है, कि हमें कौन सी तीन स्थितियों में हमेशा चुप रहना चाहिए।

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ग़ुस्सा आने पर

जया किशोरी कहती हैं, ग़ुस्सा आने पर व्यक्ति को हमेशा मौन रहना चाहिए। क्योंकि जब हम ग़ुस्से में होते हैं तो हम क्या बोल रहे होते हैं इस बात की समझ हमें बिलकुल भी नहीं होती है, ग़ुस्से में बोली गयी चीज़ें रिश्ते और व्यवहार ख़राब कर सकती है। इसलिए ग़ुस्से में हमेशा व्यक्ति को शांत रहना चाहिए।

पूरा ज्ञान न होने पर 

जया किशोरी कहती है कि जब हमें किसी विषय में पूरा ज्ञान नहीं होता है, तो हमें हमारे अधूरे ज्ञान के साथ कुछ भी नहीं बोलना चाहिए। क्योंकि जब हम अधूरे ज्ञान के साथ बात करते हैं तो हम चार लोगों की बीच में मज़ाक का कारण बन जाते हैं , लोग हमारी खिल्ली उड़ाते है, इसलिए पहले उस विषय को अच्छे से समझिए उसके बारे में जानें और फिर अपनी बात कहें।

दोस्त के साथ अनबन होने पर 

जया किशोरी कहती है कि अगर किसी बात को लेकर आपकी अपने दोस्त के साथ अनबन हो जाती है, तो ऐसे मौक़े पर शांत रहना चाहिए। क्योंकि कई बार ग़ुस्से में कुछ भी बोल देने के कारण दोस्ती टूट सकती है, इसलिए हर व्यक्ति को इस बात का ख़ास ध्यान रखना चाहिए ग़ुस्सा उतर जाने के बाद आराम से बात करनी चाहिए।

 


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Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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