जया किशोरी आज के समय में कितना नाम बन चुकी है जिनकी बातों में सुकून और जीवन को बदलने की सीख भी। भक्ति संगीत हो या मोटिवेशनल स्पीच, जया अपनी आवाज़ और सोच से लोगों के दिलों को छू जाती है। उनका प्रवचन न सिर्फ़ अध्यात्म से जोड़ता है बल्कि से उलझे सवालों का भी हल दिखाता है।
महज कम उम्र में उन्होंने जिस तरह से आध्यात्मिक और समाज सेवा का रास्ता चुना वह आज की युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल है। उनके विचार, कहानियां और सिख हर उम्र के व्यक्ति को कुछ नया सिखा जाती है, अब इस बार जया किशोरी ने कुछ ऐसा कहा है जो हर एक व्यक्ति को जानना चाहिए। जया किशोरी बताती है, कि हमें कौन सी तीन स्थितियों में हमेशा चुप रहना चाहिए।

ग़ुस्सा आने पर
जया किशोरी कहती हैं, ग़ुस्सा आने पर व्यक्ति को हमेशा मौन रहना चाहिए। क्योंकि जब हम ग़ुस्से में होते हैं तो हम क्या बोल रहे होते हैं इस बात की समझ हमें बिलकुल भी नहीं होती है, ग़ुस्से में बोली गयी चीज़ें रिश्ते और व्यवहार ख़राब कर सकती है। इसलिए ग़ुस्से में हमेशा व्यक्ति को शांत रहना चाहिए।
पूरा ज्ञान न होने पर
जया किशोरी कहती है कि जब हमें किसी विषय में पूरा ज्ञान नहीं होता है, तो हमें हमारे अधूरे ज्ञान के साथ कुछ भी नहीं बोलना चाहिए। क्योंकि जब हम अधूरे ज्ञान के साथ बात करते हैं तो हम चार लोगों की बीच में मज़ाक का कारण बन जाते हैं , लोग हमारी खिल्ली उड़ाते है, इसलिए पहले उस विषय को अच्छे से समझिए उसके बारे में जानें और फिर अपनी बात कहें।
दोस्त के साथ अनबन होने पर
जया किशोरी कहती है कि अगर किसी बात को लेकर आपकी अपने दोस्त के साथ अनबन हो जाती है, तो ऐसे मौक़े पर शांत रहना चाहिए। क्योंकि कई बार ग़ुस्से में कुछ भी बोल देने के कारण दोस्ती टूट सकती है, इसलिए हर व्यक्ति को इस बात का ख़ास ध्यान रखना चाहिए ग़ुस्सा उतर जाने के बाद आराम से बात करनी चाहिए।