Jaya Kishori: जया किशोरी की प्रवचनों में जीवन की सच्चाई और आध्यात्मिक ज्ञान का गहरा संदेश छिपा होता है। अपने मन में चल रही उलझनों का समाधान पाने के लिए अक्सर लोग जया किशोरी के प्रवचनों को सुनते हैं, और ना सिर्फ़ सुनते हैं बल्कि उन्हें अपने जीवन में भी उतारते हैं।
आज के समय में जहाँ लोगों की राय और सामाजिक प्रतिष्ठा को अत्यधिक महत्व दिया जाता है, ऐसे में लोग अपनी सच्चाई को छुपाते है और सिर्फ़ दिखावे की दुनिया का हिस्सा बन जाते हैं। इस बात पर जया किशोरी ने भी अपने विचार रखे हैं। उन्होंने बताया कि कैसे हम लोगों को ख़ुश करने के चक्कर में अक्सर अपने आत्मिक सत्य से दूर होते जा रहे हैं। चलिए इसी के साथ जया किशोरी के विचारों को समझते हैं।

“लोग बदलते हैं, लेकिन भगवान नहीं”
जया किशोरी कहती है कि अकसर लोग, अपनी इमेज को अच्छा बनाने के लिए दूसरों को ख़ुश करने के चक्कर में रहते हैं। वे कहते हैं, कि दूसरों को ख़ुश करने और दूसरों के सामने सफ़ाई देने से सिर्फ़ समय की बर्बादी होती है। लोग समय के साथ बदल जाते हैं, लेकिन भगवान कभी भी बदलते नहीं हैं।
सच्ची इज़्ज़त भगवान की नजरों में होती है
जया किशोरी कहती हैं, हमें लोगों से इज़्ज़त की चाह नहीं रखनी चाहिए। असली इज़्ज़त और सम्मान वही होता है जो भगवान की नज़रों में मिलता है। जब इंसान सच्चाई, ईमानदारी और अच्छे कर्मों के साथ जीवन जीता है तो ना इससे समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है, बल्कि भगवान भी उसे आशीर्वाद देकर सफलता और सम्मान प्रदान करते हैं। इसलिए बाहरी दिखावे की बजाय अपने कर्मों को श्रेष्ठ बनाने पर ध्यान देना ही सच्चे सम्मान का रास्ता होता है।
दिखावे से दूर रहो, सच्चाई को अपनाओ
आज की दिखावे की दुनिया में सच्चे और ईमानदार लोग कम होते जा रहे हैं, क्योंकि अधिकतर लोग समाज की नज़रों में अच्छा बनने के लिए अपनी असल पहचान और सच्चाई को भूल जाते हैं। जया किशोरी हमें सिखाती है कि जीवन में सच्चाई और ईमानदारी ही सबसे बड़ा गुण है। हमें लोगों को ख़ुश करने के बजाय अपने मूल्यों पर क़ायम रहना चाहिए और दिखावे से दूर रहना चाहिए।
जीवन में सही और ग़लत का निर्णय अगर हम ख़ुद नहीं कर पाते, लेकिन जया किशोरी का संदेश हमें यह बताता है कि निर्णय हमें हमेशा भगवान पर छोड़ देना चाहिए। लोग चाहे जो भी कहे या सोचें, हमारे कर्मों का असली फ़ैसला ईश्वर ही करते हैं। इसलिए हमेशा अच्छे कर्म करते रहना चाहिए।