आजकल के रिश्ते कांच की तरह हो गए हैं, जरा सी टकराहट और सबकुछ टूटने लगता है। कई बार हम खुद नहीं समझ पाते कि कैसे बात-बात पर रिश्तों में दूरियां आ जाती हैं। ऐसे समय में जया किशोरी (Jaya Kishori) जैसी प्रेरक वक्ता की बातें हमारे दिल को छूती हैं। उनके शब्द सिर्फ सुनने के लिए नहीं, रिश्तों को जीने और समझने के लिए होते हैं।
जया किशोरी ना सिर्फ अध्यात्म की गहराई से हमें जोड़ती हैं, बल्कि जीवन के व्यवहारिक पहलुओं पर भी उनके विचार बेहद कारगर साबित होते हैं। रिश्तों में प्यार, सम्मान और भरोसा कैसे बना रहे, इस पर उनका नजरिया आज के वक्त में हर किसी के लिए जरूरी हो गया है। आइए जानें उनके बताए कुछ ऐसे टिप्स जो किसी भी रिश्ते को फिर से खास बना सकते हैं।

सबसे पहले जरूरी है ‘सुनना’ न कि सिर्फ कहना
जया किशोरी का मानना है कि एक अच्छा रिश्ता वही होता है जहां दोनों लोग सिर्फ बोलते नहीं, बल्कि एक-दूसरे को अच्छे से सुनते भी हैं। जब हम सामने वाले की बात बिना टोक-टोका सुने समझने की कोशिश करते हैं, तो रिश्ते में सम्मान और समझदारी दोनों बढ़ती है। बहुत बार रिश्तों में समस्या इसीलिए आती है क्योंकि कोई एक अपनी बात मनवाना चाहता है, लेकिन सुनना नहीं चाहता। जय किशोरी कहती हैं कि जब हम ‘सुनना’ सीख जाते हैं, तब रिश्तों में गहराई खुद-ब-खुद आने लगती है।
रिश्ते में ‘इगो’ को छोड़ देना चाहिए
जया किशोरी एक और अहम बात कहती हैं, “जहां ईगो होता है, वहां रिश्ता नहीं बचता।”आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम कई बार अपनी बात मनवाने के चक्कर में रिश्ते तोड़ देते हैं, सिर्फ इसलिए कि हमारी ‘इज्जत’ कम ना हो जाए। लेकिन अगर रिश्ता सच में प्यारा है, तो थोड़ी झुकने में ही बड़प्पन है। जय किशोरी कहती हैं कि ‘कभी-कभी माफ करना और माफी मांगना, रिश्ते को टूटने से बचा सकता है।’ ऐसा करने से सामने वाला भी समझता है कि आप उस रिश्ते की कदर करते हैं।
रिश्तों को निभाने के लिए चाहिए वक्त और विश्वास
जय किशोरी का तीसरा सबसे जरूरी मंत्र है, “रिश्ते तब तक नहीं टिकते जब तक हम उन्हें समय और भरोसा नहीं देते।” बहुत से लोग कहते हैं कि वो व्यस्त हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि जो जरूरी होता है, उसके लिए हम समय निकाल ही लेते हैं। उनका कहना है कि अगर आप किसी रिश्ते को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो उसमें समय देना होगा, छोटे-छोटे पलों को साथ बिताना होगा। साथ ही, विश्वास बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। शक करने से कोई रिश्ता नहीं चल सकता।
कभी भी तुलना ना करें
कई बार हम अपने रिश्तों की तुलना दूसरों से करने लगते हैं। जया किशोरी का मानना है कि ऐसा करना खतरनाक होता है, क्योंकि हर रिश्ता अपने आप में खास होता है। तुलना करने से आपके रिश्ते में नाराजगी और असंतोष बढ़ सकता है। अगर सामने वाला कोई कमी महसूस कर रहा है, तो उसकी बात समझने की कोशिश करें। अपने रिश्ते को वैसा बनाएं जैसा आप चाहते हैं, न कि जैसा सोशल मीडिया पर दिखता है। रिश्ते दिखावे से नहीं, दिल से निभाए जाते हैं।
रिश्ते में आध्यात्मिकता भी जरूरी है
जया किशोरी यह भी कहती हैं कि अगर आप रोज थोड़ा-बहुत ध्यान या सकारात्मक चिंतन करें, तो यह आपके रिश्ते को भी शांत और स्थिर बना सकता है। आध्यात्मिकता का मतलब यह नहीं कि आप पूजा-पाठ में लगे रहें, बल्कि इसका मतलब है, खुद को समझना और सामने वाले की भावनाओं को भी सम्मान देना। जब हम अपने भीतर की शांति को पकड़ लेते हैं, तब हमारे आसपास के रिश्ते भी उसी ऊर्जा से भर जाते हैं। इसलिए खुद से जुड़िए, ताकि दूसरों से जुड़ना आसान हो जाए।