जया किशोरी ने बताया सच्चे प्यार का असली मतलब, जानिए क्या है निस्वार्थ प्रेम की पहचान

जया किशोरी का मानना है कि सच्चा प्यार पाने की चाह नहीं, बल्कि बिना किसी स्वार्थ के देना होता है। उन्होंने बताया कि प्रेम में जबरदस्ती या शर्तें नहीं होतीं, बल्कि यह एक ऐसी भावना है जो बिना वजह भी गहराई से जुड़ जाती है। जानिए उनके विचारों से, कैसे पहचानें असली प्यार को।

जया किशोरी (Jaya Kishori) सिर्फ एक भजन गायक या मोटिवेशनल स्पीकर नहीं हैं, बल्कि उनके शब्दों में एक गहराई होती है जो सीधे दिल को छूती है। हाल ही में उन्होंने “सच्चे प्यार” की परिभाषा पर अपने विचार साझा किए, जो आज के वक्त में रिश्तों को समझने के नजरिए को बदल सकते हैं।

उनका मानना है कि असली प्रेम वो नहीं जो कुछ पाने के लिए किया जाए, बल्कि वो है जिसमें बिना किसी स्वार्थ के सिर्फ देना होता है। सच्चा प्यार न शर्तों पर टिका होता है, न ही किसी ज़िद पर। यह एक ऐसी भावना है, जो बिना वजह भी दिल से जुड़ जाती है और जीवन को सुंदर बना देती है।

सच्चा प्यार: एक भावना, कोई सौदा नहीं

मशहूर मोटिवेशनल स्पीकर और कथावाचक जया किशोरी ने अपने एक वीडियो में सच्चे प्यार की परिभाषा साझा की है। उनका कहना है कि सच्चा प्यार वह होता है जिसमें कोई शर्त या स्वार्थ नहीं होता। अगर किसी से किसी कारणवश प्यार किया जाए, तो वह प्यार नहीं, एक सौदा बन जाता है। सच्चा प्रेम वह है जो बिना किसी अपेक्षा के दिया जाए, और जिसमें पाने की जिद नहीं होती।

प्यार में निस्वार्थता का महत्व

जया किशोरी के अनुसार, सच्चा प्यार निस्वार्थ होता है। अगर किसी से प्यार करने के पीछे कोई स्वार्थ जुड़ा हो, तो वह प्यार स्थायी नहीं होता। सच्चे प्रेम में व्यक्ति बिना किसी अपेक्षा के दूसरे की भलाई चाहता है। यह भावना इतनी गहरी होती है कि उसमें केवल देना होता है, लेना नहीं। जया किशोरी का मानना है कि जब प्यार में स्वार्थ नहीं होता, तभी वह सच्चा होता है।

प्रेम और आकर्षण में अंतर

जया किशोरी ने यह भी बताया कि प्रेम और आकर्षण में अंतर होता है। आकर्षण क्षणिक होता है, जबकि प्रेम स्थायी होता है। अगर किसी से केवल उसकी खूबसूरती या किसी विशेष गुण के कारण प्यार किया जाए, तो वह आकर्षण होता है, न कि सच्चा प्रेम। सच्चा प्यार वह होता है जो व्यक्ति की अच्छाईयों और बुराईयों दोनों को स्वीकार करता है।

प्यार में सहानुभूति और समझदारी

जया किशोरी का कहना है कि सच्चे प्यार में सहानुभूति और समझदारी होती है। जब हम किसी से सच्चा प्यार करते हैं, तो उसकी परेशानियों को समझते हैं और उसकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। यह भावना हमें दूसरों के प्रति दयालु और सहानुभूतिपूर्ण बनाती है। सच्चा प्यार हमें आत्मिक रूप से जोड़ता है और हमें बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देता है।

जया किशोरी के विचारों से यह स्पष्ट होता है कि सच्चा प्यार वह है जो निस्वार्थ, बिना शर्तों के और सहानुभूति से भरा होता है। यह भावना हमें दूसरों के प्रति दयालु बनाती है और हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाती है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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