गर्मियों में शिकंजी पीना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन जब नीबू महंगे मिले या जल्दी ख़राब हो जाए तो परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में अगर आपके घर में ही नींबू का पौधा हूँ और उसमें ढेर सारे रसीले फल लगने लगे तो इससे अच्छी बात और क्या ही हो सकती है।
आज हम आपको एक ऐसा आसान घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपने नींबू के पौधे (Lemon Plant) से गर्मी भर भरपूर नींबू को आ सकते हैं। आपको बस एक कप एक ख़ास चीज़ का घोल बनाकर नींबू के पौधे में डालना है, और फिर आपको यह जादू एक दो हफ़्ते में ही नज़र आने लगेगा।

नींबू के पौधे में कब और कैसे डालें चायपत्ती और एलोवेरा वाली खाद
नींबू के पौधे को तेजी से फल देने वाला और हरा-भरा बनाए रखने के लिए खास देखभाल की जरूरत होती है। इसके लिए बाजार की महंगी और केमिकल वाली खाद का सहारा लेना ज़रूरी नहीं। आपके घर में मौजूद दो चीजें, इस्तेमाल की हुई चायपत्ती और एलोवेरा का गूदा, एक बेहतरीन नेचुरल फर्टिलाइज़र का काम करती हैं।
इस्तेमाल की गई चायपत्ती में मौजूद टैनिक एसिड मिट्टी की क्वालिटी सुधारता है, वहीं एलोवेरा का गूदा पौधे की जड़ों को पोषण देता है। बस एक कप सूखी चायपत्ती और दो चम्मच एलोवेरा जेल को मिलाकर थोड़ा पानी डालिए और इस मिश्रण को हर 10 दिन में एक बार पौधे में डाल दीजिए। इससे पौधे की ग्रोथ तेज होगी और 2-3 महीने में उसमें फल आना शुरू हो जाएगा।
नींबू के पौधे के लिए देसी खाद क्यों है बेहतर विकल्प
नींबू के पौधे की देखभाल के लिए केमिकल वाली खाद भले ही तुरंत असर दिखाए, लेकिन लंबे समय में इससे पौधा कमजोर हो सकता है। वहीं, देसी खाद जैसे चायपत्ती, गोबर, रसोई का वेस्ट और एलोवेरा जैल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और जड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना पौधे की नैचुरल ग्रोथ में मदद करते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि नींबू का पौधा ज्यादा ध्यान मांगता है, खासतौर पर सही सिंचाई और नियमित खाद डालने की जरूरत होती है। लेकिन अगर उसमें देसी फर्टिलाइज़र का सही इस्तेमाल हो, तो बिना ज्यादा खर्च किए आप भरपूर नींबू की फसल पा सकते हैं। इसके साथ ही ये तरीका पर्यावरण के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है।
नींबू का पौधा कैसे लगाएं और सही देखभाल करें
अगर आप पहली बार नींबू का पौधा लगा रहे हैं, तो सही गमले, मिट्टी और जगह का चयन बेहद जरूरी है। नींबू के पौधे को कम से कम 8-10 इंच गहरे गमले में लगाएं जिसमें पानी निकासी की सुविधा हो। मिट्टी में गोबर खाद, थोड़ी रेत और जैविक खाद मिला लें।
पौधे को धूप वाली जगह पर रखें, जहां उसे कम से कम 5-6 घंटे सूरज की रोशनी मिले। पानी तब ही दें जब ऊपर की मिट्टी सूखी महसूस हो। ज्यादा पानी देना नुकसानदायक हो सकता है। हर 10-12 दिन में देसी खाद डालते रहें, जिससे पौधे को ज़रूरी पोषण मिलता रहेगा और उसमें समय रहते फूल और फल आने लगेंगे।