सिर्फ एक खाद से गुड़हल में खिलेंगे ढेर सारे फूल, देख सब कहेंगे वाह

सिर्फ एक खास खाद का इस्तेमाल कर आप अपने गुड़हल के पौधे में अनगिनत फूल पा सकते हैं। इस जादुई खाद से पौधा हरा-भरा रहेगा और हर डाल पर ढेरों खिलखिलाते फूल नजर आएंगे।

Homemade Fertilizer:

Homemade Fertilizer: लोगों को घर में रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे लगाने का बेहद शौक होता है। इन्हीं रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधों में से एक है गुड़हल का पौधा। गुड़हल का पौधा लगाना तो बेहद ही आसान होता है।

लेकिन इसकी देखभाल करना बहुत मुश्किल होता है। यही कारण है कि अक्सर लोग शिकायत करते रहते हैं, कि उनका गुड़हल का पौधा सूख गया है या फिर उसमें फूल खिलना बंद हो गए हैं।

गुड़हल का पौधा (Hibiscus Plant)

अगर आप भी इसी समस्या से गुजर रहे हैं, तो आपको यह बात समझने की जरूरत है कि गुड़हल के पौधे में फूल न आने की समस्या कई बार सही पोषण की कमी के कारण होती है। ऐसे में पौधों को सही प्रकार की खाद देना अत्यंत जरूरी होता है। गुड़हल के पौधों के लिए सबसे प्रभावी खाद घर में तैयार की गई जैविक खाद होती है। जिसमें गोबर की खाद गर्मी कंपोस्ट और नीम खली का मिश्रण होता है। आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे घर पर जैविक खाद बना सकते हैं।

गुड़हल के पौधे को गमले में उगाया जा सकता है?

बहुत लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या गुड़हल के पौधे को गमले में लगाया जा सकता है, तो इस सवाल का जवाब है। हां, गुड़हल के पौधों को बेहद ही आसानी से गमले में लगाया जा सकता है। गुड़हल एक बारहमासी पौधा है जिसकी सही देखभाल से यह सालों तक फूलों से भरा रहता है यदि आप इस जमीन में लगाते हैं तो यह तेजी से बढ़ता है और अधिक फूल देता है। हालांकि, सही तकनीक अपनाने से इसे गमले में भी सफलतापूर्वक लगाया जा सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान

गमले में गुड़हल का पौधा लगाने के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करना बहुत जरूरी है। साथ ही नियमित रूप से खाद और पानी देना आवश्यक होता है। गमले में उगाई जाने पर पौधे को पर्याप्त धूप मिलने से फूलों की संख्या और सुंदरता भी बढ़ती है। जिससे आपका गुड़हल हरा भरा और खिलता रहता है।

गुड़हल का पौधा लगाने से पहले गमले का चयन बेहद जरूरी होता है , क्योंकि यह पौधा जड़ों से बंधे रहना पसंद करता है। इसकी जड़े काफी बड़ी होती है इसलिए कम से कम 12 इंच के गमले का उपयोग करना जरूरी है।

नर्सरी से खरीदा गया पौधा तुरंत दूसरे गमले में ना लगाएं, क्योंकि यह पौधे की बढ़वार को प्रभावित कर सकता है। अगर आपका पौधा दो-तीन साल पुराना है और वर्तमान गमले में ठीक से बढ़ रहा है, तो बिना कारण गमला बदलने की आवश्यकता नहीं होती है। कई बार लोग गमला बिना वजह के बदल देते हैं जिससे पौधे की ग्रोथ में नुकसान होता है।

यदि आपका गुड़हल का पौधा अच्छे से विकसित हो गया है और गमला छोटा लग रहा है। तब ही उसे बड़े गमले में शिफ्ट करना चाहिए। बार-बार गमला नहीं बदलना चाहिए। पौधा लगाने के लिए मिट्टी का बर्तन सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन आप सीमेंट, सिरेमिक या अन्य बर्तन भी चुन सकते हैं।

इन प्राकृतिक खादों का करें उपयोग (Homemade Fertilizer)

गुड़हल के पौधे को स्वस्थ और हरा भरा बनाए रखने के लिए कई प्रकार के खादों का उपयोग किया जा सकता है। जैसे गाय का गोबर, सरसों की खली, वर्मी कंपोस्ट आदि खासकर केले के छिलके की खास पौधों के लिए बहुत फायदेमंद होती है।

क्योंकि इसमें पोटेशियम की अधिकता होती है, जो पौधे की जैविक और रासायनिक वृद्धि के लिए आवश्यक है। इसके साथ ही प्याज के छिलकों से तैयार खाद भी गुड़हल के पौधों के लिए उपयोगी होती है, जो पौधे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर उसे स्वस्थ और मजबूत बनाती है।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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