इन ट्रिक्स को अपनाकर फ्लाइट के दौरान खुद को रख सकते हैं शांत, एंग्जायटी को पीछे छोड़ सफर का लें मजा

फ्लाइट एंग्जायटी एक आम समस्या है, जिसे ठंडी ड्रिंक, गहरी सांस लेना, “5-4-3-2-1” ट्रिक, पॉजिटिव थिंक्स के जरिए ठीक किया जा सकता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, यह कोई बड़ी डील नहीं है।

फ्लाइट में सफर करना आमतौर बहुत महंगा होता है, जिसे हर कोई एफोर्ड नहीं कर पाता है। अमूमन लोग पैसों की कमी के कारण ट्रेन या बस में सफर कर लेते हैं। हालांकि, इसमें उन्हें अधिक समय लगता है। वहीं, फ्लाइट में बैठकर लोग आसानी से बहुत ही कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं। उदाहरण के लिए यदि आप दिल्ली से चेन्नई ट्रेन के माध्यम से 2 से 3 दिन में पहुंच रहे हैं, तो वहीं फ्लाइट से आप 4 से 5 घंटे में पहुंच जाएंगे। जिन लोगों के पास पर्याप्त धन है, वह फ्लाइट ही लेना पसंद करते हैं। इसमें भी अलग-अलग क्लास की टिकट मिलती है, जैसे बिजनेस क्लास, स्टेंडर्ड क्लास, इकनोमी क्लास, आदि। इसके अलावा, विंडो सीट के लिए कई बार आपको एक्स्ट्रा चार्ज भी देना पड़ता है।

कई लोगों को इसमें सफर के दौरान बैठते ही बेचैनी, घबराहट, पसीना या दिल की धड़कन तेज होने लगती है। वहीं, यदि आप पहली बार इससे सफर करने वाले हैं तो भी आपको यह दिक्कत हो सकती है। इसे फ्लाइट एंग्जायटी कहा जाता है।

सामान्य समस्या

एयरपोर्ट की चहल-पहल, फ्लाइट का टेकऑफ, बादलों के बीच हिलती फ्लाइट या छोटी-सी टर्बुलेंस ये सब कुछ उन लोगों के लिए तनाव का कारण बन जाते हैं, जो पहले से ही उड़ान को लेकर नर्वस रहते हैं। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, यह डर सामान्य है और लाखों लोग दुनिया भर में इससे जूझते हैं। इसलिए यह कोई बड़ी परेशानी नहीं है, बल्कि आप कुछ टिप्स को अपनाकर इन दिक्कतों से छूटकारा पा सकते हैं। इससे घबराहट काफी हद तक कम हो जाएगा और आप अपने सफर को एंजॉय कर पाएंगे।

ट्रिक्स

  • फ्लाइट में जब बेचैनी बढ़ने लगे, तो सबसे पहले शरीर को ठंडा रखने की कोशिश करें। ठंडा पानी पीना, ठंडी ड्रिंक लेना या माथे पर पानी की बोतल रखना काफी असरदार होता है। इससे शरीर की गर्मी व तनाव कम होता है। ऐसे में दिमाग धीरे-धीरे शांत होने लगता है। कई लोग हल्का ठंडा स्नैक या पुदीने वाली कैंडी लेकर चलते हैं, जिससे इंस्टेंट ताजगी मिलती है, साथ ही बेचैनी भी घटती है।
  • सांसों पर नियंत्रण रखना एंग्जायटी से लड़ने का सबसे प्रभावी तरीका है। जब दिल की धड़कन तेज हो जाए या घबराहट बढ़े, तो धीरे-धीरे और गहरी सांस लें। नाक से सांस अंदर खींचें और मुंह से धीरे-धीरे छोड़ें। इसे लगातार कुछ मिनट तक करने से दिमाग में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और स्ट्रेस लेवल घटने लगता है। इसे माइंडफुल ब्रीदिंग कहा जाता है।
  • “5-4-3-2-1” ट्रिक अपनाएं, जो कि एक साइकोलॉजिकल एक्सरसाइज है जो दिमाग को डर से हटाकर वर्तमान में वापस लाती है। इसके लिए 5 चीजें देखें, 4 चीजें छुएं, 3 आवाजें सुनें, 2 खुशबुएं महसूस करें और 1 चीज चखें। यह तरीका दिमाग को किसी दूसरे फोकस में व्यस्त कर देता है, जिससे डर धीरे-धीरे खत्म होने लगता है।
  • फ्लाइट में अपने साथ कुछ मजेदार चीजें रखें। जिनमें खट्टे-मीठे कैंडीज, खुशबूदार हैंड लोशन या कोई दिलचस्प किताब शामिल कर सकते हैं। ये चीजें आपके दिमाग को उड़ान के डर से हटाकर रिलैक्स करने में मदद करती हैं। एयरलाइंस के एंटरटेनमेंट सिस्टम पर फिल्में या डॉक्युमेंट्री देखना भी अच्छा ऑप्शन हो सकता है। इसके अलावा, अपने दिमाग को भटकाने के लिए आप म्यूजिक सुन सकते हैं।
  • फ्लाइट एंग्जायटी अक्सर ओवरथिंकिंग से बढ़ती है। इसलिए खुद से सकारात्मक बातें करें। कई बार दिमाग के उल्टा सोचने पर गलत हो भी जाता है, इसलिए ऐसा करने से बचें।
  • यदि आप फ्लाइट में किसी के साथ सफर कर रहे हैं, तो उन्हें पकड़ लें। आप चाहें तो उनके कंधे पर सर भी टिका सकते हैं। यह टच हमारे नर्वस सिस्टम को शांत करने का काम करता है और दिमाग में ऑक्सीटोसिन नामक हैप्पी हार्मोन रिलीज करता है, जिससे बेचैनी और डर कम होते हैं। इससे आपको बहुत ज्यादा रिलिफ मिलेगा। आप वेटेड ब्लैंकेट यानी हल्का-भारी कंबल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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