कहीं आप इस तरह तो नहीं करते पौधों में गोबर का इस्तेमाल? जानें नुकसान

Plants: गलत तरीके से गोबर का उपयोग पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है। जानें सही तरीका और कैसे बचें इन समस्याओं से।

भावना चौबे
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Plants: घर में तरह-तरह के पौधे लगाने का शौक सभी को होता है। लोग अपने घर में रंग-बिरंगे फूलों वाले पौधे लगाते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है की अच्छी देखभाल करने के बाद भी पौधे स्वस्थ नहीं रहते हैं और उनकी ग्रोथ भी रुक जाती है। खाद, पानी, मिट्टी और धूप यह चीज हर पौधे के लिए बहुत ही जरूरी होती है। कई बार लोग बाजार की खाद न डालकर घर में बनाई गई खाद का इस्तेमाल करते हैं ताकि पौधे स्वस्थ रहें।

गोबर को भी पौधों के लिए बहुत ही अच्छी और प्राकृतिक खाद माना जाता है। लेकिन कई बार लोग गोबर को सीधे ही खाद के रूप में इस्तेमाल कर लेते हैं। कहीं आप भी तो ऐसा ही नहीं करते, दरअसल, गोबर को सीधे खाद के रूप में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके अलावा कई बार लोग गोबर की उपलों को भी सीधे पौधे में डाल देते हैं यह भी गलत तरीका है। जब हम सीधे गोबर के उपलों को पौधे में डालते हैं तो यह पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए पहले हमें गोबर के उपयोग को खाद के रूप में तैयार करना चाहिए।

सीधे गोबर का इस्तेमाल करने के नुकसान

पौधों की देखभाल में गोबर का इस्तेमाल भले ही प्राचीन और कारगर तरीका माना जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल करने से पहले कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है गाय का गोबर भले ताजा हो भले ही यह एक प्राकृतिक खाद हो लेकिन पौधों के इस्तेमाल के लिए इसका सीधा उपयोग करना गलत माना जाता है। इसके पीछे कई कारण है, जैसे ताजे गोबर में तेज गंध होती है जो पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है। साथ ही इसमें कुछ हानिकारक सूक्ष्मजीव भी होते हैं जो पौधों के लिए जहरीले हो सकते हैं।

इसके अलावा ताजा गोबर में लवण और नाइट्रोजन की मात्रा बहुत अधिक होती है। अगर इसे सीधे पौधों पर डाला जाए तो यह पौधों की जड़ों को जला सकता है। इतना ही नहीं ताजा गोबर में खरपतवार के बीज भी होते हैं, अगर इसे पौधों पर डाला जाए तो यह बीज अंकुरित होकर आपके बगीचे में खरपतवार पैदा कर सकते हैं।

कैसे करें गोबर का इस्तेमाल (How to Use Cow Dung for Plants)

गोबर की खाद बनाने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है एक गड्ढा खोदकर उसमें गोबर इकट्ठा करना। एक गड्ढा करें उसमें गोबर इकट्ठा करें और फिर उस गोबर के गड्ढे को बगीचे की मिट्टी से पूरी तरह ढक दें। इस तरह गोबर की खाद को कम से कम 6 महीने तक सड़ने के लिए छोड़ देना चाहिए। इस दौरान गोबर में मौजूद हानिकारक सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं और पोषक तत्वों की मात्रा भी संतुलित हो जाती है।

6 महीने बाद इस गड्ढे से मिट्टी निकालकर इसे अपने पौधों के लिए खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह खाद पौधों की जड़ों को मजबूत बनाती है। उनकी वृद्धि को बढ़ावा देती है और उन्हें रोगों से बचाती है। इसके अलावा यह मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाती है।

 


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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