जानिए क्या होता है सपने में भूत देखने का मतलब..

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सपने में यदि कोई व्यक्ति किसी भूत या फिर नेगेटिव सोर्स को देखे, तो इसका मतलब इसका बुरा और अच्छा दोनों मतलब हो सकता है। आपके आस-पास एक अंधेरे वातावरण में है और ठंड या डरा हुआ महसूस कर  है, तो यह आपके innovative side को दिखाता है। इसका यह मतलब भी होता है कि, आप अपनी बुद्धि और व्यक्तित्व को लेकर कुछ परेशानी से गुजर रहे होंगे। यह एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है जो आपको बताता है कि आपको आत्म-प्रशंसा पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, आपको आत्म-प्रेम का अभ्यास करना चाहिए और आशावादी तरीके से अपने लिए देखना चाहिए। दूसरी ओर, यदि आप अपने आस-पास किसी को महसूस करते हैं और बैकग्राउन्ड  उज्ज्वल है, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि कुछ बेहतर आने वाला है।

यह भी पढ़े… Mahashivratri Ujjain : महीने भर पहले से ही तैयारियां शुरू, जानें क्या है मुफ्त सुविधायें और व्यवस्थाएं

तो वहीं  पैरानॉर्मल के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति अपनी नींद में किसी अनजान शख्स को देखे,तो इसका मतलब होता है कि आसपास कोई नेगेटिव सोर्स  या फिर कोई आत्मा मौजूद है। यदि  आपके सपने में कोई भूत आप पर हमला करता दिखे तो, इसका मतलब यह हो सकता है कि आप अपने जीवन में परिस्थितियों या लोगों से अभिभूत महसूस करते हैं- और नियंत्रण से बाहर। एक भूत द्वारा हमला किए जाने का सपना देखना भी आपके अनजाने के डर का प्रतीक हो सकता है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अक्सर इस बात की चिंता करते हैं कि क्या होना बाकी है, तो यह एक सामान्य सपना हो सकता है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"